बेरोजगारी के कारण चुराह के कई युवा चरस तस्करी मामले में जेल में बंद

Friday, Apr 05, 2019 - 01:42 PM (IST)

तीसा (सुभानदीन): चुनावों के समय नेताओं के मुंह पर हमेशा बेरोजगारी का मुद्दा रहता है। बेरोजगार युवाओं को रिझाने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं। युवा वर्ग रोजगार की आस में हमेशा ही नेताओं के इन लुभावने वायदों में आ जाते हैं, लेकिन चुनावों के बाद बेरोजगार युवा के हाथ हमेशा निराशा ही हाथ लगती है। विधानसभा क्षेत्र चुराह में भी युवाओं को इस प्रकार से छला जाता रहा है। नेता लोग खुले मंचों पर युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के वायदे करते आए हैं। चुराह में बेरोजगारी दिन-प्रतिदिन एक बड़ी समस्या का रूप लेती जा रही है। बेरोजगार युवा वर्ग रोजगार के लिए तरस रहे हैं, लेकिन हजारों युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। 

कई युवा बेरोजगारी के चलते गलत रास्ता अपना रहे हैं, जिसका जीता-जागता उदाहरण चरस तस्करी में फंसे सैंकड़ों युवक चुराह से संबंध रखते हैं। इस दौर में सबसे बड़ी समस्या सामने आ रही है, वह है युवाओं की बेरोजगारी की। भले ही शिक्षा क्षेत्र में आज हर युवा शिक्षित हो रहा हो, लेकिन रोजगार के मामले में आज चुराह के युवा पिछड़ रहे हैं। बेरोजगारी के कारण बेरोजगार लोगों के लिए अपने परिवार का पालन-पोषण करना काफी कठिन हो जाता है। ऐसे में पैसे कमाने की मजबूरी से युवा गलत कामों में पड़ गए। चुराह के सैकड़ों लोग आज चरस की तस्करी में जेल में बंद हैं, क्योंकि वे चरस की तस्करी से मोटी कमाई की चाह रखते हैं और जेल की काल कोठरी में बंद हो जाते हैं।

सीमैंट कारखाने के नाम पर छले चुराह व चम्बा के युवा

कई दशकों से चम्बा जिला व चुराह क्षेत्र के युवाओं को नेता लोग सिकरी सीमैंट कारखाना खोलने का वायदा करते रहे। कई बार जिला में बड़ी रैलियों में भी नेता इस पर राजनीतिक रोटियां सेंकने में कामयाब रहे। युवाओं को भी इस कारखाने से आस जगी थी कि इस कारखाने से काफी रोजगार मिलेगा, लेकिन इस बार सिकरी सीमैंट कारखाने का मुद्दा नेताओं के मुंह से गायब हो गया है। इससे यह तो जाहिर होता है कि नेताओं ने इस कारखाने के नाम पर सिर्फ युवाओं को धोखा ही दिया। यदि इस कारखाने पर सरकारें कोई फैसला लेने को तैयार हों तो चुराह सहित पूरे जिला चम्बा के युवाओं को रोजगार मिल सकता है। 

नहीं हुआ पर्यटन विकास, युवाओं को रोजगार की तलाश

पर्यटन भी रोजगार का एक साधन माना जाता है, लेकिन पर्यटन को बढ़ाने के लिए चुराह में कोई विशेष काम नहीं हुआ। चुराह में काफी जगहों पर सौंदर्य से भरपूर दृश्य हैं वहीं कई स्थानों पर स्नो प्वाइंट भी मौजूद हैं, लेकिन इन्हें विकसित करने के प्रयास किसी सरकार द्वारा नहीं किए जा रहे। चुराह क्षेत्र में पर्यटन के काफी विकल्प हैं, लेकिन सरकार द्वारा इसको चुराह में विकसित नहीं किया गया, जिस कारण चुराह पूरी तरह से पिछड़ा हुआ है। यदि सरकार द्वारा चुराह में पर्यटन को बढ़ावा दिया जाता है तो चुराह में युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं और चुराह को नए आयाम हासिल होंगे।

Ekta