हिमाचल के इस जिला में बेरोजगारों का आंकड़ा 52 हजार के पार

Sunday, Feb 04, 2018 - 01:03 AM (IST)

बिलासपुर: भले ही आज का युवा पढ़-लिख कर शिक्षित हो गया हो लेकिन बढ़ती बेरोजगारी ने उसे भविष्य के प्रति चिंतित कर दिया है। बेरोजगारों को भले ही प्रदेश में रही सरकारें रोजगार देने के दावे करती रही हों लेकिन हकीकत में ऐसा है नहीं? इसका अंदाजा जिला रोजगार कार्यालयों से मिले आंकड़ों से सहजता से लगाया जा सकता है। इन आंकड़ों पर नजर डालें तो मात्र जिला बिलासपुर में ही बेरोजगारों की संख्या 50 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है जिससे बेरोजगारों को प्रदेश में रही सरकारों के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। 

निचले वर्ग को ऊपर उठाने की नीति पर लगा सवालिया निशान
प्रदेश में रही सरकारें अनुसूचित जाति व जनजाति के बेरोजगारों को भी रोजगार देने में असफल रही हैं जिससे प्रदेश सरकार के निचले वर्ग को ऊपर उठाने की नीति पर भी सवालिया निशान लग गए हैं। अनुसूचित जाति से संबंधित बेरोजगारों का आंकड़ा जिला में 12 हजार से भी अधिक है। इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर एक जिला में ही बेरोजगारों की संख्या 50 हजार से ऊपर जा चुकी है तो पूरे प्रदेश में बेरोजगारों का आंकड़ा लाखों से ऊपर पहुंच सकता है, वहीं रोजगार कार्यालय में रोजगार मिलने वाले विद्यार्थियों का आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो पाया है। जिला रोजगार कार्यालय अधिकारी राजेश कुमार ने इसकी पुष्टि की है।

किस विषय के कितने युवा बेरोजगार
अगर जनवरी, 2018 तक के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो जिला रोजगार कार्यालय व उप कार्यालयों से मिले आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारों की संख्या 52,656 तक पहुंच चुकी है जिनमें सिविल इंजीनियर 45, विद्युत इंजीनियर 85, यांत्रिक इंजीनियर 95, कनिष्ठ  इंजीनियर सिविल 139, कनिष्ठ इंजीनियर विद्युत 193, कनिष्ठ इंजीनियर यांत्रिक 174, वैद्य व उप-वैद्य 250, भाषा अध्यापक के 40, शास्त्री 493, गृह-विज्ञान के 37, पी.टी.आई. के 841, नर्सरी अध्यापक के 640, एम.ए. बी.एड. के 4 हजार 222, एम.एस.सी. बी.एड. के 2 हजार 107, बी.ए., बी.एड. के 3,930, बी.एससी. बी.एड. के 2,150, जे.बी.टी. के 622 व कला अध्यापक के 1,096 बेरोजगार युवाओं तथा एम.ए. के 5,143, स्नातक के 10,856 ने तथा 10वीं तथा जमा 2 के 31,272 के अलावा सामान्य पढ़े-लिखे 5,367 विद्यार्थियों व 18 अनपढ़ लोगों ने अपना नाम रोजगार कार्यालयों में दर्ज करवाया है। इन बेरोजगारों में 12,443 अनुसूचित जाति, 1,056 अनुसूचित जनजाति, 2,695 अन्य पिछड़ा वर्ग व 36,462 सामान्य जाति के हैं।