हाईकोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी मामले में नया मोड़, आरोपी शिष्या को करना होगा यह काम

Sunday, Feb 19, 2017 - 01:48 AM (IST)

शिमला: बुजुर्ग दंपति से हुई 21 लाख रुपए की कथित धोखाधड़ी के मामले में नया मोड़ आ गया है। अब आरोपी को धोखाधड़ी का पैसा पीड़ित परिवार को चुकाना होगा, जिसके संबंध में हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं। इसी केस में मुख्य आरोपी आभा शर्मा व 2 अन्य व्यक्ति कोर्ट से अग्रिम जमानत पर चल रहे हैं। शुक्रवार को कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई थी और अब अगली सुनवाई अगले महीने 17 मार्च को होगी, तब तक धोखाधड़ी से लिया पैसा वापस लौटाना होगा। थाना सदर के प्रभारी संजय गौतम ने इसकी पुष्टि की है। कुछ दिन पहले ही धोखाधड़ी का यह मामला मीडिया में उजागर हुआ। हालांकि पुलिस थाना सदर में पिछले साल मई महीने में केस दर्ज किया था लेकिन मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी।

शिकायतकर्ता की शिष्या रह चुकी है आरोपी महिला
पुलिस में प्राथमिकी उमा भटनागर की ओर से हुई थी। आरोप है कि उन्हीं की छात्रा रही आभा ने उनके साथ एफ.डी. के नाम पर लाखों की ठगी को अंजाम दिया। इसमें 2 और लोगों के नाम भी सामने आ रहे हैं। संजय गौतम ने बताया कि पुलिस ठगी के केस की पहले से ही जांच कर रही है और यह केस दस्तावेजों पर आधारित होने के कारण जांच में कई सबूत जुटाने पड़ रहे हैं। इसे लेकर पुलिस को प्राइवेट बैंक से मूल चैकों का रिकार्ड भी प्राप्त हो गया है। 

बेटे ने किया था मामले का खुलासा
उमा के बेटे एम.एम. भटनागर ने कुछ दिन पूर्व शिमला में पत्रकार वार्ता कर मामले का तथ्यों सहित खुलासा किया था। उन्होंने कहा कि उनकी मां बुजुर्ग हैं और उनका स्वास्थ्य भी खराब चल रहा है जबकि पिता एस.एम. भटनागर की मौत हो चुकी है, ऐसे में इनके बैंक अकाऊंट को संभालने की उनकी ही जिम्मेदारी है लेकिन जब रिकार्ड खंगाला तो वह भी हैरान रह गए थे। उन्होंने एक प्राइवेट बैंक की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि पुलिस भी इस मामले में जांच करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक पत्र लिखे हैं लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया है। उधर, जिला पुलिस का कहना है कि वह पहले से ही जांच कर रही है।