कोर्ट के आदेशों से सामने आ रहा काले कारनामों का सच, जानिए क्या

Saturday, Dec 23, 2017 - 01:34 PM (IST)

कुल्लू : कोर्ट के आदेशों पर शुरू हुई छानबीन में काले कारनामों का सच सामने आने लगा है। जब अवैध भवनों की नींव रखी गई, उसी समय सही तरीके से संबंधित विभागों के अधिकारियों ने जांच की होती तो आज यह दिन न देखना पड़ता। कई भवन वन भूमि पर पाए जा रहे हैं तो कई लोक निर्माण विभाग की भूमि पर खड़े पाए जा रहे हैं। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट सख्त रुख न अपनाते तो अवैध भवन यूं ही खड़े रहते और अवैध कारोबार फलता-फूलता रहता। जिन महकमों पर अवैध भवनों के खड़े होने की शुरूआती प्रक्रिया में ही काम रोकने का जिम्मा था, उन महकमों ने उस दौर में चुप्पी साधे रखी। कई भवन तो हालिया वर्षों में ही तैयार हुए तो कई भवनों को खड़े हुए कई दशक भी बीत गए।

जब इन भवनों की अवैध कब्जे वाली भूमि पर नींव रखी
अब कोर्ट के आदेशों पर हो रही छानबीन में दशकों पूर्व खड़े हुए कई भवन भी अवैध पाए जा रहे हैं। इनके बड़े हिस्से के वन भूमि पर पाए जाने से कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। यह भी सवाल उठ रहे हैं कि जब इन भवनों की अवैध कब्जे वाली भूमि पर नींव रखी जा रही थी, उस समय इन विभागों के अधिकारी कहां थे। अब इन अवैध भवनों के दम पर अवैध कारोबार ने अपनी जड़ें इस कदर फैला दी हैं कि जड़ों के सिरों को ढूंढते हुए अधिकारियों के भी पसीने छूट रहे हैं। बड़े पैमाने पर अवैध भवनों के सामने आने और बिजली-पानी बंद किए जाने की प्रक्रिया से लोग हैरान हैं तो इन भवनों के मालिक बन बैठे लोगों के भी हाथ-पांव फूले हुए हैं। हैरत वाली बात यह भी है कि अवैध तरीके से खड़े ये भवन कई बार बिक भी चुके हैं। खरीददारों ने भी कभी सही तरीके से स्थिति को जांचने का प्रयास नहीं किया और आंखें मूंदकर सौदे करते रहे। अब अंतिम खरीददार के हिस्से तमाम देनदारियां आ रही हैं।