कहानी फिल्मी है, 16 साल बाद ''आधार'' ने लौटाई इस परिवार की खुशियां

Saturday, May 27, 2017 - 12:46 PM (IST)

शिमला: सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए आपने तो कई परिवारों को मिलते देखा है। लेकिन शिमला में आधार कार्ड ने एक परिवार की खुशियां लौटाई है। 16 साल से घर से गायब चल रहे एक बुजुर्ग को आधार कार्ड ने उसके परिवार से मिला दिया। बुजुर्ग पिता के घर लौटते ही बच्चों की आंखों से आंसू छलक पड़े। पुलिस के अनुसार कोटखाई (शिमला) घरोटा इलाके के कोट मोड़ा खत्रियां (भलावल) निवासी मोहम्मद शरीफ हुसैन 6 मई 2001 को घर से नाराज होकर चला गया था। जब वह 16 साल बाद घर लौटा तो परिवार वालों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। वह शिमला में मजदूरी का काम करता है। उसके नौ बच्चे हैं।


शिमला में बनवाया था आधार कार्ड
बताया जाता है कि शिमला में जिनके यहां वह काम करता था, कुछ दिनों पहले उन्होंने मोहम्मद शरीफ का आधार कार्ड बनवाया था। इसके लिए शरीफ ने अपने घर का पता दिया, लेकिन उसने कहा कि आधार कार्ड शिमला में उसके निवास स्थान पर भेजा जाए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वह सीधे उसके मूल पते पर जम्मू पहुंचा। जब उसकी पत्नी शूमी बीबी को वह मिला तो उसने यह बात परिवार वालों को बताई। उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो मामला सामने आ गया।


शरीफ के जम्मू लौटने पर पूरा परिवार खुश
शिमला भेजी गई पुलिस टीम और परिवार के सदस्य हामिद ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया और गुलाम हुसैन को वहां से जम्मू ले आई। खास बात यह है कि जब पुलिस शरीफ को शिमला से लेकर रवाना हुई तो वहां उसके जानने वालों की आंखों में आंसू आ गए। लोगों को कहना था कि शरीफ ने अपने व्यवहार से सभी को खुश रखा था। उसके जम्मू लौटने पर पूरा परिवार खुश है। पत्नी शूमा बीबी का कहना है कि वह काफी कमजोर हो गए हैं। अब वह उन्हें कहीं नहीं जाने देंगी। उनका सबसे छोटा बेटा शेरू जिसकी उम्र 18 साल का है, वह अपने पिता को देख सबसे ज्यादा खुश है।


नहीं देख पाया बेटियों की विदाई
जिस समय उसने घर छोड़ा था तो उसकी एक ही बेटी की शादी हो गई थी। वह अपनी तंगहाली से काफी परेशान था। इसलिए घर छोड़ने के बाद उसकी चार बेटियों और एक बेटे की शादी हो चुकी है। शूमी बेगम का कहना था कि अब शरीफ ही अपने अन्य बच्चों की शादी करवाएंगे।