आबकारी विभाग ने कसा शिकंजा, कर चोरी पर व्यापारी को इतने करोड़ का जुर्माना

Sunday, Sep 17, 2017 - 05:59 PM (IST)

सोलन: आबकारी एवं कराधान विभाग ने परवाणु के एक व्यापारी को कर चोरी के मामले में 1.70 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। उक्त व्यापारी ने नोटबंदी के बाद अपनी 2 फर्मों के खातों में करोड़ों रुपए जमा करवाए थे, जिसके बाद विभाग ने इन फर्मों की जांच की। अभी एक फर्म की जांच की गई है और उसका जुर्माना लगाया गया है जबकि दूसरी फर्म की जांच की जा रही है। बता दें कि नोटबंदी के दौरान विभाग को सूचना मिली थी कि एक व्यापारी ने अपनी 2 फ र्मों के खातों में लगभग 10 करोड़ रुपए जमा करवाए हैं। इस सूचना के आधार पर व्यापारी की परवाणु स्थित 2 फ र्मों का फ रवरी महीने में निरीक्षण किया गया। शुरू में व्यापारी ने जांच प्रक्रिया से बचने की भरसक कोशिश की लेकिन जब विभाग ने उसका टिन ब्लॉक किया और अन्य ऑनलाइन सेवाएं भी बंद कर दीं तो व्यापारी को जांच प्रक्रिया में शामिल होना ही पड़ा। जांच के दौरान व्यापारी की एक फर्म में कई अनियमितताएं पाई गईं। 

वैट व सी.एस.टी. के नाम पर ग्राहकों से वसूल रहा था मोटी रकम
व्यापारी प्रदेश के बाहर से प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए का सामान लाता था फि र उस सामान से इलैक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्माण कर हिमाचल में भी बेचता था व कुछ भाग प्रदेश के बाहर भी भेजता था। ऐसा करते हुए वह अपने ग्राहकों से वैट व सी.एस.टी. के नाम पर भारी वसूली भी करता था। जब विभाग को कर अदायगी का समय आता तो वह अपनी अधिकांश बिक्री को करमुक्त दिखाकर मात्र कुछ हजार ही सरकारी कोष में जमा करवाता था या बाहर से खरीदे गए सामान के अधिकांश भाग को विभाग से छिपा लेता था। इसके अतिरिक्त विभागीय बैरियरों पर दर्शाए गए आयात सामान व व्यापारी द्वारा रिटर्न पर अंकित आयात में काफी अंतर पाया गया।

कई वर्षों से चला हुआ था गोरखधंधा
फ्लाइंग स्क्वायड साऊथ एरिया परवाणु के उप आबकारी व कराधान आयुक्त डा. सुनील कुमार ने बताया कि यह गोरखधंधा पिछले कई वर्षों से चला हुआ था और प्रत्येक वर्ष व्यापारी द्वारा विभाग को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा था। पकड़े जाने पर व्यापारी ने फर्म की गलती तो कबूल कर ली लेकिन इस गलती का जिम्मा अपनी अकाऊंट ब्रांच के सिर पर फ ोड़ दिया। जांच के दौरान यह पूरी तरह से सिद्ध हो गया कि असली दोष व्यापारी का ही था और वह जानबूझ कर इस टैक्स चोरी में संलिप्त था।

भारी सामान ढोने वाले वाहनों में स्कूटर-मोटरसाइकिल शामिल
विभाग ने जांच के दौरान यह भी पाया गया कि व्यापारी द्वारा भारी-भरकम सामान ढोने के लिए जिन वाहनों के नंबर दिखाए गए हैं। उनमें कुछ वाहन स्कूटर, मोटरसाइकिल या कारें थी जिन पर यह भारी सामान ढोना संभव ही नहीं था। यही नहीं प्रदेश के बाहर स्थित कुछ व्यापारी फर्जी भी पाए गए। इतना ही नहीं व्यापारी ने अपने लिए खरीदी हुई एक महंगी कार पर अदा किए हुए टैक्स का भी कर अदायगी करते समय आई.टी.सी. के रूप में क्रैडिट ले लिया।

व्यापारी ने अदा किए 25 लाख 
विभाग द्वारा इस मामले में 1 करोड़ 70 लाख रुपए का कर व जुर्माना लगाया गया, जिसमें से व्यापारी ने 25 लाख रुपए की राशि सरकार को अदा कर दी है व शेष राशि के लिए उसे 2 माह का समय दिया गया है। यह केवल एक फर्म से संबंधित मामला है जबकि दूसरी फर्म के संदर्भ में छानबीन अभी जारी है।