पंचायत सचिव एवं सहायक सचिवों के लिए बनेगी पॉलिसी : विक्रमादित्य

Thursday, Feb 23, 2017 - 12:18 AM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पंचायत सचिव एवं सहायक सचिवों के लिए पॉलिसी बनाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर है और शीघ्र ही नीतिगत निर्णय लिया जाएगा। विक्रमादित्य सिंह मुख्यमंत्री आवास ओक ओवर में अनुबंध पंचायत सचिव एवं सहायक संघ की तरफ से आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी मांगों को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से उठाया जाएगा। इसी तरह ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के साथ भी संगठन की मांगों को लेकर विस्तार से चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में प्रदेशभर से आए सैंकड़ों अनुबंध पंचायत सचिव एवं सहायकों ने भाग लिया। संघ के पदाधिकारियों ने युकां अध्यक्ष के समक्ष अपनी मांगों को रखा तथा उम्मीद जताई कि वह सरकार से इसे पूरा करवाएंगे। 

संघ से जुड़े 700 कर्मचारियों के नियमितीकरण का आश्वासन
युकां अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि संघ से जुड़े 700 कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग को मुख्यमंत्री से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार आगामी बजट में लगभग 35,000 कर्मचारियों को लेकर निर्णय लेने जा रही है। सम्मेलन में युकां अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह के साथ शिमला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा, शिमला कांग्रेस कमेटी के सचिव लाल चंद वर्मा, हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महासचिव गोपाल कृष्ण शर्मा, महासंघ के पूर्व अध्यक्ष एवं वाइस चेयरमैन सुरिंद्र मनकोटिया, ए.पी.एम.सी. के चेयरमैन महेंद्र सतान व जिला परिषद सदस्य सराहन वार्ड गिन्नी सहित अन्य नेता मौजूद थे। सम्मेलन को गोपाल कृष्ण शर्मा और चंद्रशेखर शर्मा ने भी संबोधित किया।

भाजपा पर लगाया हिमाचल को बांटने का आरोप
युकां अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा पर हिमाचल प्रदेश को बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा क्षेत्रवाद और जातिवाद के आधार पर लोगों को बांटने का प्रयास करती रही है। भाजपा ने सत्ता में आने पर भी पिक एंड चूज के आधार पर कार्य किया है, जिस कारण उसे सत्ता से बाहर होना पड़ा है। उन्होंने कहा सी.एम. वीरभद्र सिंह प्रदेश के सभी वर्गों को एक नजर से देखते हैं। यही कारण है कि सभी वर्गों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। आऊटसोर्स हों या अनुबंध कर्मचारी, सबके लिए सरकार नीतिगत निर्णय लेने में जुटी है।

ये हैं सचिवों की प्रमुख मांगें
अनुबंध पंचायत सचिव एवं सहायक संघ की प्रमुख 2 मांगें हैं। उन मांगों में वर्तमान में विभाग की 11 साल की नियमित करने की नीति को खत्म करके अनुबंध पंचायत सचिवों व सहायकों के लिए 5 साल की पॉलिसी बनाकर नियमित करना, वहीं दूसरी मांग में सभी अनुबंध पंचायत सचिवों व सहायकों को ग्रामीण विकास विभाग या पंचायती राज विभाग में नियमित किया जाना शामिल है।