साढ़े तीन सौ पौड़ी चढ़कर श्रद्धालुओं को पहुंचना पड़ता है अर्जुन नागा मंदिर

punjabkesari.in Thursday, Jan 07, 2021 - 11:34 AM (IST)

ज्वालामुखी (कौशिक) : विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्रीज्वालामुखी मंदिर के पीछे पहाड़ी पर स्थित प्राचीन एवं ऐतिहासिक अर्जुन नागा मंदिर में दर्शन को यात्रियों को 350 पौड़ियां चढ़कर जाना पड़ता है। यहां पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव में श्रद्धालुओं को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई सरकारें आई और चली गई यहां के लोगों के साथ हर किसी ने वायदे किए परंतु उन्हें पूरा नहीं किया गया। ऐतिहासिक एवं प्राचीन अर्जुन नागा मंदिर का इतिहास मां ज्वालामुखी के मंदिर के साथ गुरु गोरखनाथ के साथ भी जुड़ा है। जानकारों की माने तो गुरु गोरखनाथ के शिष्य अर्जुन नागा पहाड़ी पर चढ़कर तपस्या करने बैठे और सतयुग चला गया और कलयुग आ गया। परंतु वह वहीं पर पत्थर की मूर्ति में बदल गए। उनके दरबार में कई लोग मन्नत मांगने आते हैं और उनके मनोरथ पूरे होते हैं।

मां ज्वालामुखी के दरबार में आने वाले श्रद्धालु गोरख डिब्बी मंदिर के साथ अर्जुन नागा मंदिर, टेढ़ा मंदिर, तारादेवी मंदिर, अंबिकेश्वर मंदिर और भैरव मंदिर में भी दर्शन करते हैं। यह सभी मंदिर एक परिक्रमा मार्ग से जुड़े हैं। हैरानी इस बात की है कि सभी मंदिरों को सड़क से जोड़ा जा चुका है परंतु प्राचीन एवं ऐतिहासिक अर्जुन नागा मंदिर आज भी सड़क सुविधा से वंचित है। मंदिर के महंत जमुना गिरी ने बताया की सभी राजनेताओं ने उनके साथ वायदे किए कि यहां पर सड़क सुविधा पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि छोटे से छोटा सामान लेने के लिए भी उनके परिवार के लोगों को 350 पोडियां उतरनी व चढ़नी पड़ती है। इतना ही नहीं जल शक्ति विभाग का सीवरेज का कनेक्शन भी अभी तक लोगों को नही मिल पाया है। इस संदर्भ में स्थानीय विधायक रमेश धवाला से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि अर्जुन नागा मंदिर में शीघ्र ही सड़क व्यवस्था मुहैया करवाई जाएगी। एसडीएम ज्वालामुखी धनवीर ठाकुर ने कहा की आगामी मन्दिर के बजट की बैठक में अर्जुन नागा मंदिर तक सड़क पहुंचाने के लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा।
 


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prashant sharma

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