पंचायत चुनावों के वाद अव बागवानों किया अपने बगीचों का रूख

Monday, Jan 25, 2021 - 06:27 PM (IST)

कुल्लू (ब्यूरो) : जिला कुल्लू में पंचायत चुनाव समाप्त होते ही अपने खेतों की ओर रूख किया है। और मौसम खुलने के साथ बागवानों ने बगीचों का रुख कर दिया है। हालांकि अभी कई क्षेत्रों में बगीचों में बर्फ पड़ी हुई है, लेकिन सेब के बगीचों में कांट-छांट का कार्य शुरू हो गया है। बागवान मौसम में परिवर्तन से पहले ही बगीचों का काम निपटाना चाहते हैं। यदि मौसम फरवरी के पहले सप्ताह ठीक रहता है तो कांट-छांट का कार्य पूरा हो सकता है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि बागवान फरवरी के अंत तक बगीचों में पू्रनिंग का कार्य पूरा कर लें। दिसंबर में पतझड़ के बाद सेब बगीचों में हर साल कांट-छाट व तौलिये बनाने का कार्य शुरू हो जाता है जिसे पतझड़ समाप्त होने से पहले समाप्त करना होता है, लेकिन इस वर्ष दिसंबर में बारिश के अभाव में जमीन में नमी न होने के कारण कांट-छांट का कार्य रुका पड़ा था।

जनवरी के पहले सप्ताह में हुई बर्फबारी के बाद बगीचों में पर्याप्त नमी आ गई है और मौसम के खुलते ही बागवानों ने बगीचों का रुख कर लिया है। सेब के फलों की गुणवत्ता बनाए रखने व अच्छी पैदावार के लिए पेड़ों की कांट-छांट को जरूरी माना जाता है।बगीचों में कांट-छाट का कार्य सेब की पसल के लिए महत्वपूर्ण है। कांट-छाट के दौरान पौधे को सही दिशा देने के साथ अच्छी पैदावार बनाए रखने का पूरा ध्यान रहना चाहिए। वही बागवान संजीव ने बताया कि प्रुनिंग का कार्य दिसंबर माह से शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के द्वारा गाइडलाइन जो जारी की गई है, उसमें कहा गया है कि 15 जनवरी से 15 फरवरी के बीच में प्रूनिंग का कार्य होना चाहिए। लेकिन किसान 15 से 20 दिसंबर से लेकर लास्ट जनवरी तक सेव की कांट-छांट का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के द्वारा कहा गया है कि 15 जनवरी से लेकर 15 फरवरी तक प्रुनिंग करने में पर पेड़ों के घाव जल्दी भर जाते हैं और उन में रस चढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि जो बागबान पहले प्रुनिंग करते हैं उनमें पेस्ट लगाना पड़ता है जिसके कारण कैंसर लगने की समस्या पैदा होती है।
 

prashant sharma