चिकित्सकों की लापरवाही से बुझा घर का इकलौता चिराग

Friday, Jan 05, 2018 - 05:21 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश सैनी) : सुंदरनगर से सट्टे कपाही क्षेत्र के कठयांहु गांव के नरपत राम का इकलौते घर का चिराग सदा के लिए बुझ चुका है। परिजनों का आरोप है कि पीजीआई में चिकित्सकों की लापरवाही से यह सब हुआ है। 22 वर्षीय युवक की पीजीआई में हुई मौत मामले में युवक के पिता नरपत राम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से आग्रह किया है कि इस मामले की गहनता से जांच की जाए। नरपत राम ने बताया कि उसके लड़के की मौत के बाद पीजीआई की ओर से आज तक उसके लड़के से संबंधित चिकित्सा संबंधी तमाम दस्तावेज मुहैया नहीं करवाए गए हैं।

पीजीआई में चिकित्सकों की लापरवाही 
उन्होंने बताया कि युवक की रिपोर्ट जिसमें सीटी स्कैन, एक्सरे, एमआरआई समेत अन्य टैस्टों की रिपोर्ट को नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके युवक की मौत पीजीआई के चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से हुई है और मौत के 2 दिन बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। जिससे प्रतीत हो रहा है कि पुलिस प्रबंधन और पीजीआई प्रशासन आपस में मिलजुल कर इस मामले पर लीपापोती करने में जुटा हुआ है. इसकी वजह से उन्हें आज तक इस मामले से संबंधित कोई भी मेडिकल रिपोर्ट नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि युवक की रिपोर्ट के साथ पीजीआई प्रबंधन छेड़छाड़ करने में जुटा हुआ है. जबकि सड़क दुर्घटना में ग्रस्त होने के बाद युवक पीजीआई में 2 दिन तक सामान्य तौर पर था, लेकिन एकाएक उसकी तबीयत बिगडऩे से और चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से ही उसकी मौत हो गई है।

ऐसी घटना किसी अन्य के साथ न हो
उन्होंने बताया कि अगर प्रशासन रहते उन्हें उनके युवक के स्वास्थ्य संबंधित जानकारी देता, तो वह अन्य जगह पर उसका उपचार करवाने में पूरी तरह सक्षम था। लेकिन उन्हें कोई भी सूचना नहीं दी और घटना के तीसरे दिन युवक ने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि वह स्वयं चंडीगढ़ में एक अस्पताल में हैं और उनका लड़का था. जेई के पद पर सेवारत था। लेकिन पीजीआई के चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से उसके लड़के की मौत हुई है। उन्होंने इस मामले में चिकित्सकों और प्रबंधन पुलिस के खिलाफ मामले की जांच करने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटना किसी अन्य के साथ घटित ना हो सके।