मिसाल! जरूरतमंदों की मदद कर रहा नाहन का ये बेटा, शिमला से भी पहुंचे लोग(Video)

Friday, Nov 09, 2018 - 05:01 PM (IST)

नाहन(सतीश) : सेवा करने की इच्छा यदि मन में हो तो वो किसी भी रूप में की जा सकती है। इसी भावना के साथ नाहन के गोपाल ने पुराने कपड़ों को गरीबों को बांटने की एक मुहिम घर से शुरू की जोकि सफल होती नजर आ रही है।  देखते ही देखते आज इस मुहिम से दर्जनों लोग जुड़ गए हैं। सभी लोगों ने गरीबों की सेवा के लिए अपने घर से पुराने कपड़े इसी स्टाल पर भेजने शुरू कर दिए हैं। शहर में हिंदू आश्रम के समीप जूते की एक छोटी से दुकान चलाने वाले गोपाल अग्रवाल की यह सेवा भावना मिसाल बन रही है। गोपाल अग्रवाल ने अपने घर में रखे पुराने कपड़ों को गरीबों को मुफ्त में देने की मन में ठानी। इसके लिए दुकान के बाहर ही स्टाल लगाया गया। गोपाल का मानना है कि घर में रखे कपड़े बेकार नहीं जाने चाहिए। इनका सदुपयोग होना चाहिए। लिहाजा उन्होंने इसका स्टाल लगा दिया। उन्होंने किसी तरह की चर्चा में आए बिना ही यह सेवा जारी रखी है।

खास बात यह भी है कि असल में जो भी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति है, वह स्वयं ही स्टाल से कपड़े उठा रहा है। गोपाल अग्रवाल ने बताया कि इस कार्य की शुरुवात उन्होंने करीब 2 माह पहले अपने घर से  की थी। शहर के लोगों ने भी इसमें धीरे-धीरे सहयोग करना शुरू कर दिया। अब तक 250 के करीब जरूरतमंद लोग यहां से कपड़े ले जा चुके हैं। जबकि शहर के दर्जनों लोगों ने यहां जरूरतमंद लोगों के लिए कपड़े प्रदान किए। उन्होंने गरीबों को कपड़े बांटने के लिए कहीं कैंप आदि नहीं लगाया और न ही वह कहीं कपड़े बांटने गए। बस एक स्टाल लगाकर अपने घर से ही इसकी शुरूआत की। स्टाल लगाने से सिर्फ वही व्यक्ति कपड़े के लिए पहुंच रहे हैं जो असल में जरुरतमंद हैं। अब तक सैंकड़ों जरूरतमंद लोग यहां से कपड़े ले जा चुके है। उन्होंने बताया कि इस कार्य को देखते हुए शिमला से भी एक कपल यहां कपड़े लेकर पहुंचा था। लगातार बहुत से लोग इस मुहिम में जुड़ रहे है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि गोपाल अग्रवाल द्वारा शुरू की गई यह मुहिम सराहनीय है। इसी का हिस्सा बनते हुए उन्होंने ने भी यहां पर 2-3 बार जरूरतमंदों के लिए कपड़े प्रदान किए। कुल मिलाकर गोपाल अग्रवाल द्वारा शुरू की गई यह मुहिम रंग ला रहा है और लोग इस मुहिम से जुड़ रहे है। साथ ही इस मुहिम से जरूरतमंद लोगों को तन डाकने के लिए कपड़े उपलब्ध हो रहे है। दरअसल लोग सेवा करने के लिए भी किसी क्लब या संस्था से जुड़ते हैं लेकिन यदि कुछ कर गुजरने की मन में इच्छा हो तो सेवा किसी भी रूप में की जा सकती है।

 

 

kirti