यहां की जमीन इतनी ठंडी की खून जमा दे, जानिए क्या है रहस्य

Friday, Sep 25, 2020 - 01:30 PM (IST)

कुल्लू (शम्भू प्रकाश): हम बात कर रहे हैं महर्षि व्यास की तपोस्थली की। यह स्थान पवित्र व्यास नदी का उदगम स्थल भी है। समुद्रतल से 13050 फुट की ऊंचाई पर रोहतांग में स्थित इस तपोस्थल में कुंडनुमा जगह पर जलधारा फूटी है। इस पवित्र जल को लोग बर्तनों में भरकर भी ले जाते हैं। इस जल से स्नान करने पर चर्मरोग से भी राहत मिलती है। इस जगह पर जमीन इतनी ठंडी है कि नंगे पांव खड़े होने पर जैसे खून जमने लगता है। गर्मियों के मौसम में भी महर्षि व्यास की तपोस्थली पर जमीन बेहद ठंडी रहती है और इसी जगह जलधारा फूटी है और आगे चलते चलते यही जलधारा विशाल व्यास नदी कहला रही है। रोहतांग जाने वाले सब लोग और सैलानी महर्षि व्यास की तपोस्थली पर माथा टेकना नहीं भूलते। हालांकि इस स्थान पर व्यास नदी एक छोटे बेहद शीतल जलकुंड के रूप में है और आगे चलकर यह नदी विशाल रूप धारण कर रही है। इसमें पार्वती, तीर्थन नदियों सहित कई छोटी नदियां मिलकर इसके स्वरूप को विशाल बना रही हैं। महर्षि व्यास की तपोस्थली के पवित्र स्थान है और धार्मिक ग्रन्थों में भी इसका विशेष उल्लेख है।

कैसे पहुंचें इस जगह
मनाली से लाहौल की ओर सफर करते हुए पर्यटक स्थल रोहतांग आएगा। रोहतांग में ही यह पवित्र स्थान है जहां से ब्यास नदी निकल रही है। अब अटल टनल रोहतांग से होकर सिस्सू पहुंचने के उपरांत कोकसर होते हुए रोहतांग जा सकते हैं। अटल टनल से रोहतांग पहुंचने में कम समय भी लगेगा।

Jinesh Kumar