इतिहास को समेटे है गिरीपार का पोका गांव,धोखे से नदी में गिरा दी थी नर्तकी

Friday, Oct 12, 2018 - 09:19 AM (IST)

पांवटा साहिब : गिरिपार स्थित चूना मंडी सतौन से पूर्व की ओर थोड़ी दूरी पर एक पहाड़ी के ऊपर बसा पोका गांव कुछ वर्ष पहले भी प्रासंगिक था तो आज भी अपनी विशेषताओं के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि एक बार एक नर्तकी सिरमौर की राजधानी पहुंची और महाराजा के समक्ष अपनी कला प्रदर्शन का प्रस्ताव रखा। उसने कहा कि वह एक रस्सी पर नृत्य करती हुई बाढ़ से लबालब गिरि नदी को पार कर वापस भी आ सकती है, परंतु उसके लिए वह महाराज से मुंह मांगा ईनाम चाहेगी। महाराज ने नर्तकी को कला प्रदर्शन करने की आज्ञा प्रदान करते हुए अपना आधा राज्य पुरस्कार के रूप में देने की भी घोषणा कर दी।

शाही फरमान के अनुसार गिरि नदी के ऊपर एक रस्सी बांधने की व्यवस्था की गई, जिसका दूसरा सिरा पोका नामक गांव के निकट ही बांधा गया। कहा जाता है कि नर्तकी के कार्यक्रम के लिए एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान वह रस्सी पर नृत्य करती हुए गिरि नदी के उस पार चली गई। वापस लौटते समय वह किनारे से कुछ ही दूर थी कि राजा के वजीर ने षड्यंत्र रच कर रस्सी को कटवा दिया। रस्सी कटते ही नर्तकी नदी में डूब गई। डूबते समय उसने यह कह कर श्राप दिया कि आर टोका पार पोका, बीच में डूबियो सिरमौरी लोका।

कथित परिणामस्वरूप कुछ समय बाद एक भारी जलजला आया, जिसमें सिरमौर रियासत के शासक व उनका महल आदि सब गर्क हो गए। यह वही पोका गांव है, जो आज अपने शूरवीर पुत्रों के साहस, देशभक्ति एवं दूरदर्शिता के लिए जाना जाता है। आधुनिक युग में जहां युवा इंजीनियर, डाक्टर अथवा अन्य बड़ी व्यावसायिक उपाधियां प्राप्त करने की होड़ में लगे हैं वहीं इस छोटे से गांव पोका के 21 जवान भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे हैं, जो गांव के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे सिरमौर के लिए गर्व की बात है। 
 

 

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