इस ऐतिहासिक रेलवे ट्रैक पर दौड़ा अंग्रेजों के जमाने का इंजन, देखने के लिए उमड़े पर्यटक

Saturday, Feb 25, 2017 - 10:23 AM (IST)

शिमला: विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलवे ट्रैक पर लंबे समय बाद एक बार फिर 109 साल पुराना भाप का इंजन दौड़ा। करीब 2 वर्ष से विदेशी पर्यटकों की मांग पर इसे साल में 5-6 बार शिमला-कालका ट्रैक पर दौड़ाया जा रहा है। वर्ष 2012 में इस 109 वर्ष पुराने भाप इंजन को एक बार फिर पटरी पर उतारा गया और तब से देशी व विदेशी पर्यटक इस भाप इंजन में सफर का आनंद उठा रहे हैं। इस भाप इंजन को रेल विभाग समय-समय पर पर्यटकों की मांग पर चलाता है। 


आज भी पर्यटक इस स्टीम लोकोमोटिव इंजन से ट्रेन को चलता देखने के लिए जुटते हैं
इसे पटरी पर दौड़ाने के लिए 30 से 40 पर्यटकों का ग्रुप होना आवश्यक है जिसकी लागत लगभग 1 लाख से ऊपर बैठती है। हालांकि शुक्रवार को 30 विदेशी पर्यटकों को आई.आर.सी.टी.सी. द्वारा बुकिंग पर शिमला स्टेशन से 11 बजे भाप इंजन के साथ 3 रेल के डिब्बे कैथलीघाट तक चले। इसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। अंग्रेजों की ग्रीष्मकालीन राजधानी रहे शिमला में इस इंजन के ट्रैक पर चलने से पुराना समय याद आ जाता है। जब यहां अंग्रेजों का राज चलता था। उसी समय कालका से शिमला तक ट्रैक का निर्माण करवाकर शिमला में रेलवे स्टेशन बनवाया था। इस स्टीम लोकोमोटिव इंजन से ट्रेन को चलता देखने के लिए आज भी शिमला के लोग और पर्यटक जुटते हैं।


विदेशी पर्यटक करते हैं इस इंजन को चलाने की मांग
शुक्रवार को स्टेशन मास्टर गेरा ने जानकारी देते हुए बताया कि कैथलीघाट तक इस भाप इंजन के साथ यात्रा के लिए विदेशी पर्यटकों से रेल विभाग ने 1 लाख 38 हजार रुपए लेकर बुकिंग की थी। उन्होंने बताया कि विदेशी पर्यटकों ने इस रोमांच से भरे ट्रैक का भरपूर आनंद लिया। उन्होंने बताया कि एक शताब्दी पुराना यह भाप इंजन इससे पहले वर्ष 2008 में चलाया गया था। इसके बाद इस इंजन में कुछ खराबी आ गई थी जिसके चलते इतने वर्षों तक पर्यटक इस भाप इंजन की टे्रन के सफर का लुत्फ नहीं उठा पाए थे लेकिन अब इसे 2012 से रेल विभाग द्वारा पर्यटकों की मांग पर चलाया जाता है। खास तौर पर विदेशी पर्यटक ही इसकी डिमांड करते हैं। वे शिमला से कालका की रोमांचक रेल मार्ग का आनंद उठाते हैं। रेल विभाग इस भाप इंजन को चलाकर कमाई कर रहा है।