गिरोह ने धोखाधड़ी करके गायब कर दी थी गाड़ियां, विजीलैंस ने सोलन से 5 वाहनों को किया बरामद

punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2019 - 12:59 PM (IST)

शिमला (जस्टा): विजीलैंस ने धोखाधड़ी करने वाले गिरोह पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सोलन से धोखाधड़ी करके ले गए 11 गाड़ियों में से विजीलैंस ने 5 गाड़ियों को बरामद कर लिया है। यह गाड़ियां पटियाला, फिरोजपुर और कालका से बरामद हुई हैं। विजीलैंस टीम ने गिरोह को पकड़ने के लिए कुछ समय पहले से जाल बिछाया था आखिर में धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तीन के करीब सदस्य विजीलैंस की पकड़ में आ ही गए हैं, जबकि बाकियों की तलाश जारी है। इस मामले में विजीलैंस अभी तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। विजीलैंस की टीम अब 6 गाड़ियों की तलाश कर रही है। दावा है कि इन गाड़ियों को भी शीघ्र ही बरामद किया जाएगा। यह 6 गाड़ियां भी सोलन से ही गिरोह ने धोखाधड़ी करके गायब की हैं। 

बताया जा रहा है कि 6 गाड़ियों को पंजाब और हरियाणा में बेचा गया है। विजीलैंस द्वारा की जा रही छानबीन में सामने आया है कि कालका के अमित कुमार और उसके भाई रमन ने धोखाधड़ी करने के लिए सोलन के सूबे सिंह को संपर्क किया। सूबे सिंह प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। दोनों भाइयों ने सूबे सिंह को प्लान के बारे में बताया कि वे कंपनियों में गाड़ियां लगाते हैं और इसके लिए कुछ गाड़ियों की जरूरत है। यह भी बताया गया कि गाड़ियों को बैंकों से फाइनांस करवाकर लोगों के माध्यम से खरीदी जा सकती हैं और गाडिय़ों को मालिकों को इनको किराए पर लगाने के लिए अच्छी खासी रकम मिलेगी।

इसके बाद सूबे सिंह ने लोगों को गाड़ियां खरीदने के लिए प्रेरित किया और करीब आधा दर्जन लोगों से गाड़ियां खरीद कर उनको कंपनियों में किराए के नाम पर लगाने के लिए ले गए। गिरोह का सदस्य मोहाली का प्रदीप बराड एक अन्य सदस्य रंजीत सिंह के साथ मिलकर इन गाड़ियों को सीधे शोरूम से बेचने के मकसद से ले गए। बाद में जांच में सामने आया है कि पटियाला के विमल कालरा ने गाड़ियों को बेचने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए और गाड़ियों को बेच दिया गया। इस मामले को लेकर विजीलैंस की कार्रवाई जारी है।
 


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Ekta

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