ICAR की शर्त से हजारों प्रशिक्षुओं का भविष्य दांव पर, पढ़ें पूरी खबर

Monday, Jul 16, 2018 - 01:41 PM (IST)

 

सुंदरनगर: हिमाचल प्रदेश के कृषि संकाय में एम.एससी. के प्रवेश के लिए आई.सी.ए.आर. एक्रीडीशन की थोपी गई शर्त के चलते प्रदेश के हजारों प्रशिक्षुओं का भविष्य दांव पर लग गया है। प्रवेश प्रक्रिया से मात्र 2 दिन पहले अचानक थोपी गई इस शर्त को लेकर शिक्षकों और अभिभावकों में भारी रोष है। बता दें कि 12 जुलाई को रजिस्ट्रार नौणी विश्वविद्यालय के पत्र संख्या 13090 के तहत एम.एससी. कृषि के लिए आई.सी.ए.आर. से मान्यता प्राप्त कालेज से बी.एससी. कृषि पास होना अनिवार्य किया है जिससे प्रदेश के बाहरी राज्यों से प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षु इसके लिए पात्र नहीं रहेंगे। गौर हो कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में इंफ्रास्टक्चर की कमी के चलते हजारों छात्र अन्य राज्यों से यू.जी.सी. से मान्यता प्राप्त कालेज से बी.एससी. कर चुके हैं।

प्रदेश सरकार ने इससे पहले भी कृषि प्रसार अधिकारी के पद के लिए आई.सी.ए.आर. एक्रीडीशन की शर्त लगाकर देश भर के यू.जी.सी. मान्यता प्राप्त विश्व विद्यालयों प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी को बाहर का रास्ता दिखाया है। आरोप हैं कि प्रदेश में मात्र 2 ही विश्वविद्यालय कृषि संकाय में एम.एससी. उपलब्ध हैं। बता दें कि कृषि बी.एससी. पास अभ्यॢथयों को एम.एससी. की शिक्षा हेतु प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। हिमाचल प्रदेश के कृषि क्षेत्र में नौणी और पालमपुर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए प्रक्रिया सोमवार 16 जुलाई को शुरू हो रही है, लेकिन इस प्रक्रिया के ठीक 4 दिन पहले 12 जुलाई को जारी एक पत्र के तहत प्रदेश के कृषि विभाग एम.एससी. के प्रवेश की पात्रता शर्त में आई.सी.ए.आर. संबद्धता प्राप्त विद्यालयों से बी.एससी. की शर्त थोपी है। 

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