जंगलों को आग से बचाने वन विभाग ने बनाया मास्टर प्लान

punjabkesari.in Friday, Apr 24, 2020 - 04:41 PM (IST)

धर्मशाला (नृपजीत निप्पी) : कोविड-19 की चुनौतियों के बीच प्रदेशभर में 15 अप्रैल से फायर सीजन आरंभ हो चुका है। फायर सीजन में हर वर्ष आग की घटनाओं से वन संपदा को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। फायर सीजन में आगजनी की घटनाओं से निपटने और जंगलों को सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग कांगड़ा ने विशेष प्रबंध किए है। गर्मियों के दौरान जिला कांगड़ा में भारी मात्रा में आग की घटनाएं होती हैं, क्योंकि जिला में अधिकतर वन क्षेत्र में चील के वृक्ष होने के साथ-साथ भारी मात्रा में लेंटाना मौजूद है, जिससे जंगलों में आग तेजी के साथ फैलती है। 

गर्मियों में आग की घटनाओं से जंगलों को सुरक्षित रखने के लिए जिला कांगड़ा में मास्टर प्लान तैयार किया गया है। जिला कांगड़ा में लगभग एक लाख 63 हजार 999 हेक्टेयर वन क्षेत्र आता है। जिला में 1 लाख से अधिक एरिया लेटाना घास से इनफेक्टेड है। जिस कारण आप घटनाओं में भारी भारी वृद्धि होती है। जिला कांगड़ा वन विभाग के कंजरवेटर देवराज कौशल ने कहा कि गर्मियों में अधिकतर आग की घटनाएं लोगों द्वारा लगाई आग के कारण होती है। उन्होंने कहा कि इस बार कोविड-19 के कारण वन विभाग के जागरूकता अभियान को झटका लगा है और इस कारण अधिक लोगों की सहभागिता नहीं हो पाई है। बावजूद इसके विभाग ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से लोगों को जागरूक करने का कार्य किया है। कौशल ने कहा कि 5 सीजन के चलते जिला में सबडिवीजन लेवल पर कंट्रोल रूम स्थापित किए गए, जबकि कंजरवेटर कार्यालय धर्मशाला में एक मास्टर कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिस पर लोग विभाग को आग की घटनाओं के बारे में सूचित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगाने वाले लोगों के खिलाफ विभाग उचित कानूनी कार्रवाई करेगा और ऐसा करने वालों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाएगा।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

prashant sharma

Recommended News

Related News