फोरलेन से तबाह होंगे तार स्पैन, ग्रामीणों ने की ये मांग

Monday, Apr 02, 2018 - 12:06 PM (IST)

मंडी: मंडी जिला के दुर्गम गांवों को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ने वाली गरारियां (तार स्पैन) फोरलेन से तबाह हो रही हैं जिससे इन क्षेत्रों के लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। मंडी से औट के बीच करीब एक दर्जन स्थानों पर तार स्पैन लगे हैं, जहां से न केवल लोग अपने कृषि व बागवानी उत्पाद सड़क तक उतारते हैं बल्कि सूखे के वक्त पेयजल भी नदियों से उठाकर पहाड़ की ऊंचाई तक ले जाते हैं लेकिन अब फोरलेन निर्माण के दौरान इन झूला पुलों व तार स्पैन को उखाड़ने का फरमान सुना दिया है। 


चंडीगढ़-मनाली एन.एच.-21 पर ब्यास नदी पर हणोगी माता मंदिर के पास झूला पुल ग्रामीणों ने अपने खर्चे पर स्थापित किए हैं। पंचायत नलवागी, खोलानाल और मुराह की हजारों की आबादी इसका लाभ उठा रही है। इस फरमान से ग्रामीण परेशान हैं और मदद की गुहार लगा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि या तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए या फिर इसके बदले में मुआवजा दिया जाए क्योंकि ग्रामीणों ने इस पर आपसी सहयोग से लाखों रुपए खर्च किए हैं।


यहां रोड कनैक्टीविटीतो है नहीं
यदि झूला पुल और तार स्पैन को यहां से हटाया जाता है तो ग्रामीणों के जनजीवन पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि यहां रोड कनैक्टीविटी नहीं है। हालांकि बालीचौकी और थलौट से होकर इन पंचायतों को सड़क गई है लेकिन ये गांव ब्यास नदी के ऐसे छोर पर बसे हैं जहां सड़क पहुंचाना बेहद कठिन है। स्थानीय निवासी लोभे राम का कहना है कि हमारे लिए अब ये फरमान किसी बड़ी आफत से कम नहीं हैं। हम इस वजह से पचास वर्ष पीछे चले जाएंगे। 

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