विदेशों में बनने वाली माइक्रो-नैनो चिप अब IIT मंडी बनाएगा

Thursday, Nov 01, 2018 - 10:48 AM (IST)

मंडी : विदेशों में बनने वाली माइक्रो व नैनो चिप अब आई.आई.टी. मंडी बनाएगा। भारत के पहले सैंटर फॉर डिजाइन एंड फैब्रिकेशन ऑफ इलैक्ट्रॉनिक डिवाइसिज लैब का बुधवार को एम.एच.आर.डी.के सचिव आर. सुब्रह्मण्यम ने उद्घाटन किया। सुब्रह्मण्यम ने बताया कि 50 करोड़ रुपए की लागत से आई.आई.टी. मंडी में स्थापित इस लैब में माइक्रो व नैनो टैक्रोलॉजी की फैब्रिकेशन की जाएगी। आई.आई.टी. मंडी डी.आर.डी.ओ., आई.एस.आर.ओ. व बी.एस.एस.सी. के लिए माइक्रो चिप बनाएगा।

आज के युग में मोबाइल फोन का इस्तेमाल सभी करते हैं, जिसमें वीडियो, मैसेज व चैट आदि के लिए हाई स्पीड चाहिए, लिहाजा आई.आई.टी. मंडी में इसके लिए नैनो चिप बनाई जाएगी। इससे पहले आई.आई.टी. मंडी रक्षा मंत्रालय के आग्रह पर रॉकेट को दिशा देने के लिए चिप डिजाइन कर चुकी है, जिसकी ट्रेसिंग चल रही है। 
वर्ष 2012 में इंटैल की वित्तीय सहायता से 20 एन.एम. ब्यास के पैटर्न, जिन्होंने हाल में सब-10 एल.एम. पैटॄनग के लिए हाईब्रिड रेसिस्ट मैटीरियल प्रस्तुत किया है, को तैयार करने हेतु आई.आई.टी. मंडी ने एक्स्ट्रीम अल्ट्रावायलेट लिथोग्राफी के लिए रेसिस्टेस का विकास किया। इन आविष्कारों से भारत में सैमी कंडक्टर उद्योग सरकार के मेक इन इंडिया के अनुरूप कार्य करने और उसे बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी।

हालांकि भारत में भी कई कंपनियों द्वारा ये लैब चलाई जा रही हैं लेकिन जो मशीन आई.आई.टी. लैब में स्थापित की गई है, ऐसी मशीन भारत में कहीं पर भी नहीं है। एशिया में मात्र 1-2 देशों में ही ये लैब हैं, जहां पर माइक्रो चिप का निर्माण किया जाएगा, लेकिन आई.आई.टी. मंडी में 31 अक्तूबर से इस सुविधा को शुरू कर दिया गया है। फिलहाल इसमें 3 साल तक कंपनी के साथ करार है, जिसके बाद इसे पूरी तरह से आई.आई.टी. चलाएगा। इसमें पहले दिन से आई.आई.टी. के प्रशिक्षुओं को ट्रेनिंग दी जा रही है।

 
 

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