इस वीर योद्धा की बहादुरी पर दुश्मनों ने बनाई थी समाधि

Saturday, Apr 14, 2018 - 01:07 AM (IST)

नादौन: वीरयोद्धा जनरल जोरावर सिंह की जयंती पर विभिन्न समाजसेवी संगठनों ने उनकी बहादुरी को सैल्यूट किया। नादौन में समाजसेवी निशु जाट की अध्यक्षता में एक समारोह करके जोरावर सिंह के चित्र के आगे दीप प्रज्वलित कर फूल-मालाएं अर्पित की गईं। समाजसेवी निशु जाट ने बताया कि जोरावर सिंह के अदम्य साहस व वीरता से उनके दुश्मन भी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने शत्रुपक्ष के इस वीर योद्धा की जम्मू के छोरतन नामक स्थान पर समाधि बनाई। शायद विश्व भर में ऐसी मिसाल ढूंढने से भी नहीं मिलेगी जिसमें किसी ने अपने शत्रु को इतना सम्मान दिया हो।


भूमि विवाद के चलते छोड़ना पड़ा घर 
वीरयोद्धा जनरल जोरावर सिंह के पिता बिलासपुर की कहलूर रियासत से दरबारी बजीर हुआ करते थे। घर में भूमि विवाद के चलते उन्हें घर छोड़ना पड़ा तथा हरिद्वार आदि में रहनटे के बाद महाराजा रणजीत सिंह की सेना में लाहौर में भर्ती हो गए परंतु वहां भी सेना नायक से झगड़ा हो गया और उसके बाद वह कांगड़ा में कटोच वंश के राजा संसार चंद की सेना में भर्ती हो गए परंतु उनकी बहादुरी को देखते हुए जम्मू के राजा गुलाब सिंह की फौज में उन्हें ले लिया गया।


कई भारत विरोधी शासकों को चटाई धूल  
इस दौरान उन्होंने बल्लिस्तान के शासक अहमदशाह अब्दाली सहित कई भारत विरोधी शासकों को धूल चटाई तथा मान सरोवर तक लाखों वर्ग मील क्षेत्र को भारत का हिस्सा बनाया परंतु एक घमासान लड़ाई में 12 दिसम्बर, 1841 को गोली लग गई और वीरगति को प्राप्त हुए।

Vijay