दियोटसिद्ध मंदिर के जमीनी विवाद का अंत, राजस्व विभाग ने करवाया समझौता

Friday, Mar 01, 2019 - 11:20 PM (IST)

बड़सर: प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में मन्दिर ट्रस्ट और मन्दिर के महंत 1008 श्री श्री राजिंद्र गिरी जी महाराज के  बीच चल रहे जमीनी विवाद के सुप्रीम कोर्ट में हुए आपसी समझौते के तहत शुक्रवार को राजस्व अधिकारियों की देखरेख में लगभग 24 कनाल रकवे की निशानदेही हुई जिससे पिछले दो दशकों से चले आ रहे जमीनी विवाद का अंत हो गया है। मंदिर परिसर व उसके आसपास हुई निशानदेही के अवसर पर राजस्व अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा मंदिर ट्रस्ट की ओर से मंदिर अधिकारी ओ.पी. लखनपाल व अन्य कई कर्मचारी मौजूद थे। इसके अलावा महंत राजिंद्र गिरी की ओर से डी.डी. शर्मा, हरबंश लाल, राजेश कुमार सहित अप्पर बाजार के कई व्यापारी मौजूद रहे। इस दौरान राजस्व अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में समझौते के तहत हुए भूमि बंटवारे की निशानदेही करवाकर दो पक्षों की मौजूदगी में भूमि को चिन्हित कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था मामला 

दियोटसिद्ध मंदिर ट्रस्ट प्रशासन व मंदिर महंत के बीच मालिकाना हक को लेकर पिछले डेढ़ दशक से सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट में मालिकाना हक को लेकर फैसला मंदिर के महंत के पक्ष में आने के उपरांत मन्दिर ट्रस्ट और महंत के बीच समझौते के तहत सम्पतियों का बंटवारा हो गया है। इस बंटवारे को प्रदेश सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने के उपरांत जिलाधीश हमीरपुर द्वारा अमल में लाया गया। इस बंटवारे के तहत दियोटसिद्ध के ऊपरी बाजार में स्थित दुकानों के अलावा ऊपरी बाजार में स्थित एक सरायं भी मन्दिर के महंत के हिस्से में आई है।

महंत ने समझौते के तहत मंदिर ट्रस्ट को छोड़ी 8 कनाल भूमि

इस समझौते के तहत महंत राजिंद्र गिरी ने मन्दिर के समीप स्थित बकरा स्थल, मन्दिर को जाने वाले रास्ते का भाग व मंदिर कार्यालय मन्दिर न्यास को छोड़ा है, जिससे बाबा बालक नाथ की मुख्य गुफा व आसपास का मंदिर परिसर का क्षेत्र अब मन्दिर ट्रस्ट के नाम हो गया है जबकि समझौते से पहले इसका काफी हिस्सा राजस्व रिकॉर्ड में महंत के नाम दर्ज था। श्रद्धालु हित में महंत ने मन्दिर परिसर के इस हिस्से को ट्रस्ट को सौंप दिया है। वहीं ट्रस्ट ने भी महंत निवास के आसपास वाले हिस्से को महंत को सौंप दिया है जिससे महंत और ट्रस्ट के बीच का सम्पत्ति विवाद सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के उपरांत खत्म हो गया है।

क्या बोले दियोटसिद्ध मंदिर के महंत

दियोटसिद्ध मंदिर के महंत श्री श्री 1008 राजिंद्र गिरी जी महाराज ने कहा कि दियोटसिद्ध मंदिर के जमीनी विवाद का यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला था जहां से फैसला उनके हक में आया है तथा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के उपरांत प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक ने मन्दिर ट्रस्ट को सम्पत्तियों का आपसी समझौते के तहत बंटवारा करने की स्वीकृति दी गई। इस बंटवारे के तहत शुक्रवार को निशानदेही करवाई गई जिसे राजस्व विभाग ने दोनों पक्षों की भूमि को चिन्हित कर दिया है।

क्या बोले दियोटसिद्ध मंदिर ट्रस्ट के अधिकारी

दियोटसिद्ध मंदिर ट्रस्ट के अधिकारी ओ.पी. लखनपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मंदिर ट्रस्ट व महंत के बीच एक समझौते के तहत जो भूमि का बंटवारा हुआ है। शुक्रवार को दोनों पक्षों की मौजूदगी में राजस्व विभाग ने निशानदेही की है। समझौते के तहत भूमि की निशानदेही शांतिपूर्वक सम्पन्न हो गई है, जिससे मंदिर ट्रस्ट व महंत के बीच चला आ रहा विवाद खत्म हो गया है।

Vijay