‘नन्ही परी’ को गोद लेना चाहती थी सेवानिवृत्त अधिकारी की बेटी, आड़े आ गया कानून

Friday, Feb 23, 2018 - 10:41 PM (IST)

नाहन: नैशनल हाईवे पर सैनवाला के नजदीक वीरवार को तड़के सड़क किनारे मिली नन्ही परी को पुलिस ने अपनी निगरानी में ले लिया है। जिला की बाल विकास कमेटी अब नन्ही परी को शिमला स्थित शिशु गृह में भेजेगी जहां बच्ची का लालन-पालन होगा। उधर पुलिस ने बच्ची का मैडीकल करवा लिया है। डी.एन.ए. टैस्ट के लिए डाक्टरों का बोर्ड मैडीकल कालेज अस्पताल में कार्रवाई करेगा। इसके लिए मैडीकल कालेज प्रबंधन ने निर्देश जारी कर दिए हंै। उधर नन्ही परी को शिमला शिशु गृह भेजने के लिए बाल विकास कमेटी औपचारिकताएं पूरी करने में लगी है। मैडीकल संबंधित कार्रवाई पूरी होने के बाद बच्ची को शिशु गृह भेजा जाएगा। 

बाल विकास कमेटी ने जाहिर की असमर्थता
सेवानिवृत्त अधिकारी रामेश्वर सिं को बीते दिन उक्त बच्ची हाईवे के किनारे मिली थी। रामेश्वर सिंह बच्ची को घर ले आए। वह अपनी बेटी के लिए इसे गोद लेना चाहते थे लेकिन कानून आड़े आ गया। शुक्रवार को सारा दिन रामेश्वर सिंह की बेटी व उनके परिवार वाले बाल विकास कमेटी कार्यालय में डटे रहे ताकि किसी न किसी तरह यह बच्ची उन्हें सौंप दी जाए लेकिन बाल विकास कमेटी ने असमर्थता जाहिर की। सेवानिवृत्त अधिकारी की बेटी ने रोते-बिलखते नन्ही परी को पुलिस के हवाले कर दिया।  

2 दर्जन के करीब लोगों ने गोद लेने को बढ़ाए कदम
बाल विकास कमेटी के अनुसार नैशनल हाईवे पर सैनवाला के नजदीक मिली नन्ही परी को गोद लेने के लिए करीब 2 दर्जन लोगों ने कॉल के जरिए संपर्क साधा और गोद लेने के लिए कदम बढ़ाए हैं। 

गोद लेने का कानून बेहद जटिल
देश में बच्चों को गोद लेने का कानून आज भी बेहद जटिल है। इच्छुक दंपति को बच्चा गोद लेने के लिए अगर हिमाचल की बात करें तो शिमला में आवेदन करना पड़ता है। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में बच्चों को गोद लेने वाले इच्छुक लोगों की संख्या 1000 से ज्यादा है जिन्होंने अपना पंजीकरण गोद लेने के लिए सरकार के यहां करवाया है, वे लोग अभी भी इंतजार में हंै। यहां भी कोई च्वाइस नहीं है। अगर लड़का उपलब्ध है तो वह ही मिलेगा और अगर लड़की है तो लड़की मिलेगी। इच्छुक लोगों को कई-कई साल इंतजार करना पड़ रहा है तब जाकर कहीं गोद भरती है।