हिमाचली शैली में नजर आएगा सदियों पुराना प्रसिद्ध जाखू मंदिर, पढ़ें क्या होगा खास निर्माण

Monday, Sep 18, 2017 - 11:52 AM (IST)

शिमला: राजधानी का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल एवं लाखों लोगों की आस्था का केंद्र हनुमान मंदिर जाखू अब और भी भव्य रूप धारण करेगा। मंदिर के सौंदर्यीकरण को लेकर कार्य शुरू हो चुका है। सदियों पुराने इस मंदिर का सौंदर्यीकरण हिमाचली शैली के अनुसार किया जाएगा। मंदिर परिसर में हिमाचली शैली का स्टोन लगाया जाएगा। इसके साथ ही हिमाचल की प्राचीन परंपरा के अनुसार मंदिर के मुख्य द्वार पर नक्काशी की जाएगी जो यहां पर आने वाले दर्शकों को हिमाचल की कला एवं संस्कृति का परिचय देगी। इसके साथ ही मंदिर परिसर में अक्षम लोगों को व्हील चेयर पर ले जाने के लिए विशेष मार्ग बनाया जाएगा। यह मार्ग रोप-वे से लेकर मंदिर परिसर तक बनाया जाएगा जिससे व्हील चेयर के माध्यम से अक्षम लोग भी हनुमान जी के दर्शन कर सकेंगे। इसके साथ ही मंदिर परिसर में अब अलग से जूता घर का निर्माण भी किया जाएगा। 


सदियों पुराना है जाखू का यह प्रसिद्ध मंदिर
मंदिर परिसर को प्रशासन द्वारा नए तरीके से संवारने के लिए लोक निर्माण विभाग को राशि भी जारी कर दी गई है और मंदिर में सौंदर्यीकरण का यह कार्य शुरू किया जा चुका है। जाखू का यह प्रसिद्ध मंदिर सदियों पुराना है और यहां पर हनुमान जी की 108 फुट ऊंची प्रतिमा लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है जोकि कई किलोमीटर दूर से ही दिखाई देती है। जाखू मंदिर की 8,048 फुट की हाईट पर बनी यह प्रतिमा 2010 में स्थापित की गई थी और इस प्रतिमा के यहां पर स्थापित होने से यहां का नैसर्गिक सौंदर्य और भी बढ़ गया है। दशहरे के दिन जाखू मंदिर में रावण, कुंभकर्ण एवं मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है। 


बच्चों के लिए अलग से बनेगा एक और पार्क
मंदिर परिसर में बच्चों के लिए अलग से पार्क का निर्माण किया जाएगा। यहां पर अलग से आधुनिक ढंग के उपकरण बच्चों को खेलने के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे। हालांकि यहां पर पहले से एक छोटे पार्क का निर्माण किया गया है और इसके साथ ही रोप-वे के पीछे की तरफ एक और पार्क का निर्माण करवाया जाएगा। यह कार्य प्रबंधक मंदिर न्यास मदन शर्मा व न्यास की कमेटी की देखरेख में पूरा किया जाएगा।


श्रद्धालुओं के लिए होगी लॉन की व्यवस्था
मंदिर में श्रद्धालुओं के बैठने के लिए लॉन की व्यवस्था होगी। इस लॉन में पर्यटक व श्रद्धालु कुछ देर आराम कर सकेंगे। इसके साथ ही मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए यहां पर छोटे पौधे भी लगाए जाएंगे।


यह है जाखू मंदिर की मान्यता
शिमला नगर के ऐतिहासिक जाखू पर्वत के शिखर पर हनुमान जी का प्राचीन मंदिर है। यह मान्यता है कि जब मेघनाद के बाण से लक्ष्मण मूॢछत हुए थे, उस समय हनुमान जी संजीवनी बूटी की तलाश में आकाश मार्ग से होते हुए यहां से निकल रहे थे तो यहां पर उनकी नजर तपस्या में लीन यक्ष ऋषि पर पड़ी। कालांतर में उनके नाम पर ही (यक्ष-याक-याकू-जाखू) जाखू नाम पड़ा। संजीवनी बूटी का परिचय जानने के लिए हनुमान जी यहां पर उतर गए। मान्यता है कि हनुमान जी के वेग से जाखू पर्वत जो पहले काफी ऊंचा होता था, आधा धरती में समा गया। इसके बाद हनुमान जी अपने साध्य के लिए ऋषि को दोबारा यहां आने का वचन देकर निकल गए लेकिन यहां लौटे नहीं। ऐसे में ऋषि व्याकुल हो गए तो हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिए और अंतध्र्यान हो गए। उनके अंतध्र्यान होने के तुरंत बाद एक मूर्ति यहां पर प्रकट हुई जो आज भी मंदिर में विद्यमान है और तब से लेकर आज तक करोड़ों लोग इसके दर्शन कर लाभान्वित हो रहे हैं।