खाद्य पदार्थों के रेट निर्धारित करने में बेबस नजर आया प्रशासन, दुकानदारों की लगी मौज

Friday, May 11, 2018 - 11:31 AM (IST)

हमीरपुर: जिला हमीरपुर में खाद्य पदार्थों के दाम निर्धारित न होने से दुकानदारों की मौज हो गई है, जिस पर कई दुकानदार अब मनमाने दाम वसूल रहे हैं। रेट निर्धारण करने की शक्तियां प्रशासन से छीने जाने के बाद प्रशासन भी इस मामले में बेबस नजर आ रहा है। जानकारी के अनुसार मार्च माह में जिला प्रशासन ने एक माह के लिए खाद्य पदार्थों के दाम तय किए थे जिसकी अवधि भी अब खत्म हो गई है तथा सरकार ने अब रेट फिक्स करने के लिए नई प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है लेकिन इस बारे अब तक सरकार की ओर से कोई फैसला या अधिसूचना न आने से प्रशासन भी नए सिरे से दाम तय करने में असमंजस में है। प्रशासन के मूल्य निर्धारण नीति से ग्राहक अपने हक के लिए आवाज उठा सकता था परंतु अभी प्रशासन के पास सरकार की ओर से इस संबंध में भी कोई निर्देश नहीं है। प्रशासन के अनुसार जहां परांठा 15 रुपए तय किया था वह अब 25 से 35 रुपए में मिल रहा है। सरकार के इस तरह के निर्देश ग्राहक की जेब ढीली कर रहे हैं।

पहले विभाग तय करता था इन खाद्य पदार्थों के मूल्य
प्रशासन द्वारा विभिन्न प्रकार के मीट मूल्य तय किए जाते थे, वहीं ढाबों पर बिकने वाले पके खाने के भी प्रशासन द्वारा रेट तय किए जाते थे। प्रशासन की मार्च से अप्रैल माह की सूची के अनुसार जिला में आम इंसान 50 रुपए में भर पेट खाना खा सकता है। वहीं अब खाद्य पदार्थों के दाम बेलगाम नजर आ रहे हैं। वहीं प्रशासन द्वारा दूध व दूध से बनने वाले खाद्य पदार्थों के रेट तय किए जाते थे जिस आधार पर आम नागरिक को उचित मूल्य पर रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल दुग्ध उत्पाद सही मूल्य पर उपलब्ध हुआ करते थे। और तो और प्रशासन द्वारा दियोटसिद्ध में बिकने वाले बाबे के रोट की कीमत भी तय की गई है, जिसमें 75 ग्राम का रोट तथा 150 ग्राम का रोट अधिकतम मूल्य राशि शामिल थी। वहीं मंदिर में बिकने वाले हलवे का रेट प्रति किलो के हिसाब से निर्धारित किया गया था।

इसके अतिरिक्त सभी दुकानदारों को खाद्य पदार्थों की सूची मूल्य सहित दुकान के बाहर लगाने के निर्देश उक्त दुकानदार के हस्ताक्षर अनिवार्य साथ लगाने तय किए गए थे, वहीं एक प्लेट मीट अथवा चिकन करी में कितने ग्राम मीट और ग्रेवी होनी चाहिए इसका भी निर्धारण किया जाता था। वहीं स्पैशल सब्जियों, मटर पनीर व पालक पनीर इत्यादि की मात्रा भी निर्धारित थी।

kirti