यहां बेसहारा पशुओं के आतंक से लोग परेशान, प्रशासन से उठाई ये बड़ी मांग (Video)

Sunday, Oct 13, 2019 - 05:30 PM (IST)

बनखंडी (राजीव शर्मा): देहरा-धर्मशाला राष्ट्रीय उच्च मार्ग बनखंडी पर बेसहारा पशु दिन-प्रतिदिन वाहन चालकों और लोगों की समस्या का कारण बनते जा रहे हैं। वाहन चालकों को बेसहारा पशुओं के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन बेसहारा पशुओं के कारण आए दिन कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है। रात के समय वाहन चालकों को बनखंडी बाजार से अपना वाहन निकालना मुश्किल हो जाता है क्योंकि बनखंडी मुख्य बाजार में शाम ढलते ही बेसहारा पशु मुख्य सड़क को पूरी तरह रोक कर बैठ जाते हैं। इसके बाद अगर वहां से कोई वाहन गुजरे तो पहले वाहन चालक को वाहन से नीचे उतरकर सड़क पर बैठे पशुओं को हटाना पड़ता है फिर अपना वाहन निकालना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा? प्रशासन कब नींद से जागेगा और कब तक बेसहारा पशु ऐसे ही गाडिय़ों से टकराकर मरते रहेंगे? क्यों सरकार इस समस्या के समाधान के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाती? 

रात के अंधेरे में सड़क पर बैठे पशु बनते हैं दुर्घटना का मुख्य कारण

बता दें कि बेसहारा पशुओं की समस्या एक विकराल समस्या बन चुकी है। वाहन चालकों के अनुसार रात के अंधेरे में सड़क पर बैठे पशु दिखाई नहीं देते जोकि दुर्घटना का मुख्य कारण बनते हैं। हर दूसरे या तीसरे दिन कोई न कोई मरा हुआ बेसहारा पशु सड़क पर देखने को मिल जाता है। बनखंडी के आसपास के तकरीबन 4 या 5 किलोमीटर तक के एरिया में बेसहारा पशुओं का हर समय जमघट लगा रहता है जोकि किसी भी समय किसी बड़ी समस्या का कारण बन सकता है। स्थानीय लोगों के अनुसार इन बेसहारा पशुओं के कारण हर दिन कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है और लोग घायल होते रहते हैं लेकिन सरकार ने आज तक इस समस्या के समाधान हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाया। लोगों के अनुसार केवल सितम्बर महीने में ही 12 से 13 पशु वाहनों से टकराकर मरे हैं और जिससे कई लोग भी घायल हुए हैं।

बेसहारा पशुओं के कारण लोगों ने छोड़ी खेती

बेसहारा पशुओं के कारण यहां के अधिकांश किसानों ने कृषि करना छोड़ दिया है। किसानों का कहना है कि खेतों में इतनी मेहनत करने के बाद भी हाथ में कुछ नही आता क्योंकि बेसहारा पशु फसलों को बर्बाद कर देते हैं इसलिए खेती करने से फायदा तो क्या उलटा नुक्सान उठाना पड़ता है। मजबूर होकर अनाज भी अब बाजार से खरीदना पड़ता है। पहले जिन खेतों में अनाज उगाते थे वो खेत अब खाली पड़े हैं। जिन खेतों में पहले इतनी फसल निकलती थी इन बेसहारा पशुओं के कारण आज वो खेत बंजर बन चुके हैं।

...तो मजबूरन अपनाना पड़ेगा आंदोलन का रास्ता

बनखंडी के लोगों ने प्रशासन से आग्रह किया कि वह जल्द ही इन बेसहारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाए। लोगों के अनुसार सड़कों व गांवों में बेसहारा पशु छोडऩे वालों को सरकार या स्थानीय प्रशासन ढूंढ नही पा रहे हैं। ये बेसहारा पशु जहां एक और पानी और छत के अभाव में जीने को मजबूर हैं, वहीं दूसरी और ग्रामीणों की फसलों को भी बर्बाद कर रहे हैं। अगर शीघ्र ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो बनखंडी के लोगों को आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और जिसका उत्तरदायी प्रशासन होगा।

क्या कहते हैं लोग

बीडीसी सदस्य अनुराग धीमान ने कहा कि बेसहारा पशुओं की समस्या एक विकराल समस्या बन चुकी है जिस कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रहीं है। जल्दी ही प्रशासन को इस समस्या के समाधान हेतु उचित कदम उठाना चाहिए। वहीं शेरलोहार पंचायत के पूर्व प्रधान अमी चंद ने कहा कि बनखंडी में बेसहारा पशुओं की  संख्या हर रोज बढ़ती जा रही है जोकि चिंता का विषय है। आए  दिन बाहनों से टकराकर बेसहारा पशु सड़क पर मृत पड़े मिलते हैं। अत: प्रशासन द्वारा बेसहारा पशुओं के लिए गौशाला का निर्माण करके उन्हें वहां संभाला जाए।

Vijay