यहां भयंकर भूस्खलन ने रोके वाहनों के पहिए, जान जोखिम में डालकर पैदल आर-पार कर रहे मलिंग

Monday, Sep 04, 2017 - 03:56 PM (IST)

उदयपुर: चीन अधिकृत तिब्बत से सटी देश की सरहदों को जोड़ने वाला हिंदोस्तान-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग गाड़ियों की आवाजाही के लिए बंद हो गया है। शीत मरुस्थल के मलिंग में भयंकर भूस्खलन ने सामरिक महत्व का सड़क मार्ग बंद कर दिया है, जिससे सीमांत क्षेत्रों में एच.आर.टी.सी. सहित सेना के वाहनों के पहिए थम गए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार ऊपरी किन्नौर जिला के नाको और चांगो के बीचोंबीच मलिंग नाले में लगातार भूस्खलन के चलते भारी वाहनों की आवाजाही बीते 2 माह से ठप्प पड़ी है। 


भूस्खलन के डेंजर जोन में लोग पैदल आर-पार कर रहे मलिंग
भूस्खलन के तांडव से जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के स्पीति उपमंडल व सीमा पर तैनात सैन्य बलों की परिवहन व्यवस्था प्रभावित हो चुकी है। मलिंग की वजह से एच.आर.टी.सी. रिकांगपियो की जो बसें काजा में फंस चुकी हैं, वे सिर्फ मलिंग और काजा के बीच में चल रही हैं। इसके अलावा रिकांगपियो से काजा आने वाली बसें भी 2 माह से काजा नहीं पहुंची हैं। ये बस सेवाएं भी मलिंग से वापस रिकांगपियो जा रही हैं। बताया गया है कि स्पीति के मुख्यालय काजा से करीब 95 किलोमीटर दूर मलिंग में दरक रही पहाड़ियों ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की परिवहन व्यवस्था एक बार फिर पटरी से उतार दी है। इन बसों के यात्रियों पर एक बार फिर खतरा मंडरा गया है। भूस्खलन के डेंजर जोन में लोग पैदल मलिंग आर-पार कर रहे हैं।


बी.आर.ओ. के लिए नासूर बना मलिंग क्षेत्र
उल्लेखनीय है कि बी.आर.ओ. के लिए मलिंग कई वर्षों से नासूर बन चुका है। बताया गया है कि बी.आर.ओ. की लेबर व मशीनरी सहित प्रदेश पुलिस के अधिकारी व गाड़ियां भी मलिंग में दफन हो चुकी हैं। उनके लिए यह कोई नई समस्या नहीं है। मलिंग में भूस्खलन कई सालों से निरंतर चल रहा है, जो रुकने का नाम नहीं ले रहा है और यातायात को चुस्त-दुरुस्त रखने का बी.आर.ओ. का हर मोर्चा यहां विफल हुआ है। 


गाड़ियां तो दूर, पैदल भी नहीं कोई दूसरा रास्ता
मलिंग में गाड़ियां तो क्या, पैदल चलने के लिए भी दूसरा कोई रास्ता नहीं है। इससे सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों के लिए आवश्यक चीजों की सप्लाई पर भी विपरीत असर पड़ा है। सड़क मार्ग का नामोनिशान मिटाते हुए भूस्खलन ने सड़क की जगह गहरी खाई बना दी है। बी.आर.ओ. लंबे समय से यातायात बहाली के कार्यों में जुटा है, लेकिन बिना किसी बरसात के हर सीजन में चल रहा भूस्खलन अब इसके लिए भी गले की फांस बन चुका है।