गोबिंदसागर झील में जलमग्न मंदिरों की पुनर्स्थापना को दिल्ली से बिलासपुर पहुंची टीम

Sunday, Jun 30, 2019 - 03:39 PM (IST)

बिलासपुर (मुकेश): कहलूर रियासत के राजाओं द्वारा बसाए गए गोबिंदसागर झील में जलमग्न मंदिरों की पुनर्स्थापना को लेकर अब अंतिम सर्वेक्षण शरू हो गया है। इस बाबत दिल्ली से इंडियन ट्रस्ट ऑफ हैरिटेज एंड रूरल डिवैल्पमैंट की एक टीम बिलासपुर पहुंच चुकी है। यह टीम 30 जून तक जलमग्न मंदिरों को बाहर निकालकर चयनित जमीन पर स्थानांतरित करने के लिए संभावनाएं तलाशेगी और बाकायदा एक रिपोर्ट तैयार करेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन की ओर से धार्मिक पर्यटन निखार के लिए आगामी कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

8वीं और 9वीं शताब्दी में बने ऐतिहासिक भगवान रंगनाथ के मंदिर झील की जद में आ गए थे, जिनके संरक्षण के लिए पूर्व सरकारों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। भगवान रंगनाथ के मंदिर के संरक्षण के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग बिलासपुर द्वारा भारत सरकार के यू.आई. निदेशालय में पत्र भेजा गया, जिसके बाद पुरातात्विक इंजीनियर्स के 5 सदस्यों की टीम बिलासपुर पहुंची जहां वह झील की जद में आए सभी मंदिरों की रिपोर्ट तैयार कर रही है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए भाषा एवं संस्कृति विभाग शिमला के पुरातात्विक इंजिनियर सी.एल. कश्यप ने बताया कि भगवान रंगनाथ मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों का संरक्षण करना एक अहम चुनौती है क्योंकि साल के केवल तीन माह ही यह मंदिर झील से बाहर आते हैं ऐसे में सिल्ट हटाकर मूर्तियों को निकालने में समय लगेगा, जिसकी रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी जाएगी, वहीं उन्हें पूरी उम्मीद है की इन मंदिरों का संरक्षण किया जाएगा।
 

Vijay