बारिश-बर्फबारी ने होने पर मंदिर से बाहर रहे देवता नाग धुम्बल व थान

Monday, Jan 09, 2017 - 12:54 AM (IST)

नग्गर: आखिरकार 5 महीने के सूखे के बाद कुदरत ने लोगों को राहत प्रदान कर ही दी। ऊझी घाटी के लोग इस बर्फबारी के लिए देवताओं का धन्यवाद कर रहे हैं क्योंकि क्षेत्र के लोग बारिश और बर्फ  के लिए कई दिनों से देवताओं की शरण में पहुंचे हुए थे। देवभूमि कुल्लू में लोगों की अस्था का केंद्र देवता ही हैं और इस बार तो देवताओं ने भी लोगों के विश्वास को और पुख्ता कर लिया क्योंकि मौसम विशेषज्ञों ने इससे पहले भी क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी की भविष्यवाणी की परन्तु पहाड़ों को छोड़ कर क्षेत्र में बारिश हुई ही नहीं। 

देवताओं की शरण में पहुंचे लोग
लोगों ने थक हार कर देवताओं की शरण में जाने का फैसला किया। क्षेत्र में पुरानी मान्यता की मानें तो हलाण-2 के आराध्य देवता नाग धुम्बल बारिश और बर्फबारी देने वाले देवता भी हैं और जब भी शिम गांव के देवता थान उनसे बारिश की मांग करने हलाण जाते हैं तो क्षेत्र में अवश्य ही बारिश और बर्फबारी होती है। बुधवार को भी देवता थान ने सूखे को देखते हुए अपने देवलुओं सहित हलाण के लिए कूच किया। 

लोगों ने पशुओं को जंगल में बेसहारा छोडऩे पर मांगी थी क्षमा 
हलाण पहुंचने पर उन्होंने लोगों के हित में देवता नाग धुम्बल से बारिश की मांग की परन्तु देवता नाग धुम्बल ने लोगों के समक्ष बेसहारा पशुओं के जंगल में होने की बात रखी। लोगों ने नतमस्तक होते हुए देवता से पशुओं को जंगलों में बेसहारा छोडऩे के लिए क्षमा मांगी तथा देवता के कहे अनुसार कार्य करने की हामी भरी। मान्यताओं के अनुसार क्षेत्र में उसी दिन से झमाझम बारिश ने बरसना शुरू किया और सुबह उठते ही लोगों को 2 साल के बाद बर्फ  के दीदार हुए।  

बारिश की मांग पर बारिश देते हैं देवता नाग धुम्बल
देवता नाग धुम्बल से जुड़े बहादुर सिंह के अनुसार माना जाता है कि जब भी क्षेत्र में सूखे की स्थिति में शिम के देवता थान हलाण आकर बारिश की मांग करते हैं तो बड़ागढ़ के आराध्य देवता नाग धुम्बल अवश्य बारिश देते हैं। कुछ दिन पूर्व नग्गर के मशाड़ा गांव की आराध्य माता कैलाशना के दरबार में लोग बारिश व बर्फबारी की मांग को लेकर पहुंचे थे तथा माता ने 3 दिनों के भीतर बारिश व बर्फबारी होने की बात कही थी। ऐसा माता जाता है कि यदि माता कैलाशना के दरबार में रात भर जगराता किया जाए तो माता अवश्य ही बारिश व बर्फबारी देती है।