टैक्नोमैक घोटाला : CID की जांच में खुलने लगीं करोड़ों के घोटाले की परतें

Thursday, Aug 16, 2018 - 04:52 PM (IST)

शिमला (राक्टा): हिमाचल में करोड़ों रुपए के घोटाले को अंजाम देने वाली इंडियन टैक्नोमैक कंपनी की परतें खुलने लगी हैं। इसके तहत अब तक जहां 4 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, वहीं करीब 6 अन्य लोग सी.बी.आई. जांच के दायरे में चल रहे हैं, ऐसे में जांच एजैंसी पुख्ता साक्ष्य मिलते ही संबंधित लोगों की गिरफ्तारी भी कर सकती है। सूत्रों की मानें तो कुछ को जांच टीम ने पूछताछ के लिए तलब भी किया है।

फारैंसिक लैब से रिपोर्ट मिलने का भी इंतजार
वर्ष 2014 में कर चोरी का मामला सामने आने के बाद से टैक्नोमैक कंपनी के प्रबंधन से जुड़े कुछ अधिकारी फरार चल रहे हैं, ऐसे में जांच टीम जगह-जगह उनकी तलाश कर रही ताकि जल्द पूरे घोटाले की परतें उधेड़ी जा सकें। इस मामले में जांच एजैंसी को फारैंसिक लैब से रिपोर्ट मिलने का भी इंतजार है। संबंधित रिपोर्ट हैंडराइटिंग के नूमनों से जुड़ी हुई बताई जा रही है। करोड़ों रु पए के घोटाले की जांच में जुटी टीम हर पहलू को खंगाल रहीं है ताकि हिमाचल में सबसे बड़े घोटलों में शुमार उक्त  घोटाले को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों को बेनकाब किया जा सके।

कंपनियों की जुटाई जा रही जानकारी
सी.आई.डी. को छानबीन के दौरान कई कंपनियों के फर्जी बिल और दस्तावेज हाथ लगे है, ऐसे में संबधित कंपनियों के बारे में भी जानकारियां जुटाई जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं उनकी भी उक्त  घोटाले से कोई संलिप्ता तो नहीं है। जांच के दौरान जो  बिल दस्तावेज मिले है, उनमें अधिकतर फर्जी पाए गए हैं। 

फैक्टरी के अंदर कई सबूत कर डाले नष्ट
इंडियन टैक्नोमेक कंपनी के घोटाले की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने कई सबूतों को फैक्टरी अंदर ही नष्ट करने की कोशिश की है। इसके साथ ही कंपनी कई साल तक फर्जीवाड़ा करती रही जबकि सरकारी महकमों को इसकी भनक तक नहीं लगी। कंपनी द्वारा बैंकों से करोड़ों का लोन फर्जी उत्पादन के सहारे ही लिया गया। कंपनी ने टैक्स भी नहीं चुकाया।

Vijay