शिक्षक वीरेंद्र कुमार ने बच्चों की लिखाई सुधारने का उठाया बीड़ा

Wednesday, Sep 05, 2018 - 10:38 AM (IST)

शिमला (प्रीति): शिक्षक वीरेंद्र कुमार अध्यापन के कार्य के साथ-साथ बच्चों की लिखावट सुधारने का कार्य भी करते हैं। इसके लिए शिक्षक ने जिला शिमला के कई स्कूल एडॉप्ट किए हैं, जहां वह स्पैशल बच्चों को लिखावट संबंधी टिप्स देते हैं और उन्हें नई तकनीक से लिखना सिखाते हैं ताकि शुरूआत से ही बच्चों की लिखावट अच्छी बन सके। अब उन्होंने पूरे प्रदेश में यह अभियान शुरू किया है। इस अभियान में उन्होंने लगभग 5,000 शिक्षक शामिल किए हैं जिन्हें वीडियो के जरिए या वर्कशॉप कर लिखावट संबंधी टिप्स दिए जा रहे हैं। 

इसके बाद आगे ये शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में बच्चों की हैंडराइटिंग को सुधारने में लगे हैं। उल्लेखनीय है कि कुमार पिछले 19 वर्षों से अध्यापन करवा रहे हैं। अपने कार्यकाल में उन्होंने शिक्षण को छात्र केन्द्रित बनाने के लिए जिन शिक्षण विधियों को खोजा जो अधिगम को बढ़ाने में लाभदायक सिद्ध हुई हैं। वीरेंद्र ने न केवल अपने स्कूल को इन विधियों से नवाजा अपितु अपने राज्य के साथ-साथ दूसरे राज्यों को भी शिक्षण में सहायता प्रदान की है।

शिक्षक ने तैयार किया शिक्षक दोस्तों का एक समूह 
शिक्षक ने शिक्षक दोस्तों का एक समूह (गुरुकुल) भी तैयार किया है जो बच्चों की लिखावट को सुधारने में मदद कर रहे हैं। राज्य, जिला, ब्लाक और कलस्टर में गुरुकुल समूह बनाए गए हैं जिन्हें वीरेंद्र प्रतिदिन ऑनलाइन टिप्स देते रहते हैं। उन्होंने अपने यू ट्यूब चैनल के माध्यम से नवाचारों को अधिकांश शिक्षकों तक पहुंचाना संभव बना दिया है। राज्य सरकार ने 2015 में उन्हें राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से भी नवाजा है।

शिक्षक द्वारा लिखी कई पुस्तकों से शिक्षक हो रहे लाभान्वित 
शिक्षक वीरेंद्र कुमार के द्वारा लिखी गई पुस्तकें (प्रारंभिक शिक्षण एवं अधिगम सामग्री, गतिविधि आधारित शिक्षण, बालमन, सृजन) शिक्षण को सहज, सरल और रोचक बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं। इन पुस्तकों से न केवल हिमाचल के शिक्षक लाभान्वित हुए हैं बल्कि अन्य राज्यों के शिक्षक भी शिक्षण को रोचक बनाने के लिए इन्हें उपयोग में ला रहे हैं। वीरेंद्र कुमार द्वारा प्रतिपादित शिक्षण विधियों को राज्य स्तर पर लागू करने के लिए विभाग ने उन्हें सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत एक वर्ष के लिए राज्य समन्वयक पद पर नियुक्त किया जहां रहते हुए उन्होंने एन.सी.ई.आर.टी. के साथ मिलकर लर्निंग आऊटकम्स का खाका तैयार किया। वर्तमान में वह रा.व.मा वि. धरोगड़ा में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। यहां रहते हुए उन्होंने बच्चों की लिखावट सुधारने के लिए राज्यव्यापी मुहिम छेड़ी है जिसके सकारात्मक परिणाम आना शुरू हो गए हैं। वीरेंद्र प्रदेश में पढ़ रहे बच्चों की लिखावट में सुधार के लिए गत दिनों एक लिखावट प्रदर्शनी भी लगा चुके हैं जिसके परिणामस्वरूप विभाग द्वारा आज लिखावट को प्राथमिक स्तर पर मुख्य इंटरवैंशन बनाया गया है।

Ekta