टीचर के ''थर्ड डिग्री टॉर्चर'' से उठा पर्दा, मासूम के अभिभावकों का नया खुलासा

Wednesday, May 23, 2018 - 04:43 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश): मंडी जिला के शिक्षा खंड सुंदरनगर 1 के प्राइमरी स्कूल समकल में तीसरी कक्षा की छात्रा के बाल नोचने के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। हालांकि इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है और उसी आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ रही है लेकिन इसी बीच छात्रा के अभिभावकों ने एसएमसी के माध्यम से शिक्षा विभाग को लिखित में बयान दिया है कि शिक्षिका ने छात्रा के बाल नहीं नोचे हैं। उन्होंने माना कि उनकी बेटी के बाल झड़ रहे थे और इसकी जानकारी उन्हें पहले से भी थी और शिक्षिका के माध्यम से भी मिली थी। हालांकि लिखित बयान को सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक केडी शर्मा ने अभिभावकों के इस बयान की पुष्टि की है। 


इस मामले में जिस शिक्षिका पर आरोप लगे हैं उसने भी मीडिया के समक्ष अपनी बात रखी है। शिक्षिका फूला देवी का कहना है कि उन पर जो भी आरोप हैं वो झूठे हैं। उन्होंने सिर्फ बच्ची को यह सलाह दी थी कि बाल झड़ने की बीमारी के बारे में अपने घर पर बताना, लेकिन इस बात को किसी दूसरे तरीके से पेश किया गया और यह सारा बवाल खड़ा हो गया। वहीं सुंदरनगर अस्पताल में बच्ची की जो जांच करवाई गई उसमें भी एलोपिसिया (बाल झड़ने की बीमारी) का जिक्र किया गया है। साथ ही सुंदरनगर से इस पूरे मामले पर एक्सपर्ट की एडवाइज लेने को कहा गया था। एसपी मंडी ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि अभी एक्सपर्ट एडवाइज ली जा रही है और उसी आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।


बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर अभी तक बहुत सी बातें चर्चाओं के तौर पर सामने आ रही हैं। शिक्षिका के तबादले तक की बातें कही जा रही हैं जबकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। प्रारंभिक जांच में यही पाया जा रहा है कि बच्ची को बाल झड़ने की बीमारी है। ऐसी बातें भी सामने आ रही हैं कि शिक्षिका और बच्ची के अभिभावकों के बीच समझौता हो गया है। लेकिन इन सब चर्चाओं से हटकर पुलिस अपनी कार्रवाही में लगी हुई है। पुलिस जांच में ही यह पता चल पाएगा कि बाल नोचे गए थे या फिर यह बीमारी के कारण ही हुआ है। 

Ekta