टीचर बनने का सपना यहां हो सकता है पूरा

Sunday, Feb 26, 2017 - 04:17 PM (IST)

बिलासपुर: बिलासपुर जिला के बरठीं कस्बे में सरकारी स्तर पर जिला का एकमात्र ऐसा स्कूल विकसित किया गया है, जहां सिर्फ व सिर्फ सी.डब्ल्यू.एस.एन. यानी विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को ही शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है। इस स्कूल में 2 विशेष शिक्षक विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शिक्षा देने के लिए नियुक्त किए गए हैं। आगामी शैक्षणिक सत्र यानी अप्रैल माह से यह स्कूल पूरी तरह से सेवाएं देना शुरू कर देगा। यह स्कूल अन्य स्कूलों की तरह डे-बोर्डिंग है। सुबह 9 से शाम 3 बजे तक अन्य स्कूलों की तरह इस स्कूल में भी विशेष बच्चों को पढ़ाया जाएगा, साथ ही जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग यह कोशिश कर रहा है कि इस स्कूल में विशेष बच्चों के लिए छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध हो जाए। यदि प्रशासन व शिक्षा विभाग का यह प्रयास सिरे चढ़ गया तो शीघ्र ही यह स्कूल सरकारी स्तर पर प्रदेश का ऐसा पहला स्कूल होगा, जहां जिला के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को हॉस्टल में रखकर बेहतर पढ़ाई की सुविधा मिल पाएगी। 


नए शैक्षणिक सत्र में भरे जाएंगे 20 नए पद
वर्तमान में बरठीं में चल रहा यह विशेष स्कूल डे-बोर्डिंग स्कूल है। जहां 2 विशेष शिक्षक इस स्कूल में विशेष बच्चों को शिक्षा देने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इस स्कूल में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए स्टाफ हेतु 20 नए पद भी अधिसूचित हो चुके हैं। इनमें से 6 पद स्नातकोत्तर शिक्षकों के, 6 पद प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों के और 8 पद केयर गिवर्ज के स्वीकृत हो चुके हैं। अभी इन पदों को भरा नहीं गया है। इस नए शैक्षणिक सत्र से इन पदों को भरे जाने की संभावना है। 


शिक्षा विभाग की खाली पड़ी एक इमारत का होगा प्रयोग
यह विशेष स्कूल बरठीं में शिक्षा विभाग की खाली पड़ी एक बड़ी इमारत में शुरू किया गया है। लंबे समय से यह इमारत उपेक्षित-सी पड़ी थी। कभी इस इमारत का प्रयोग काफी पहले दूर-दराज के बरठीं स्कूल में पढऩे आने वाले विद्यार्थियों के लिए छात्रावास के रूप में होता था। धीरे-धीरे आवागमन की सुविधाएं बढ़ीं तो छात्रों का प्रतिदिन बरठीं स्कूल आना-जाना संभव होने लगा, जिससे धीरे-धीरे यह छात्रावास खाली हो गया। उसके बाद इस इमारत में जवाहर नवोदय विद्यालय खुला। बाद में नवोदय स्कूल के कोठीपुरा बदल दिए जाने के चलते यह करीब 20 कमरों वाली दोमंजिला इमारत खाली व बेकार पड़ी थी। इस इमारत का प्रयोग विशेष बच्चों के छात्रावास के रूप में किया जा सकता है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए यहां विशेष स्कूल को होस्टल सुविधा के साथ खोलने का प्रयास प्रशासनिक स्तर पर चल रहा है। 


जिला के 966 नौनिहाल विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की श्रेणी में
ताजा आंकड़ों के अनुसार बिलासपुर जिला में 966 नौनिहाल ऐसे हैं, जिन्हें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की श्रेणी में रखा गया है। इनमें से 735 विशेष बच्चे आम स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं, लेकिन कई विषयों में प्राकृतिक तौर पर साधारण बच्चे से थोड़ा अलग होने के कारण ये पढ़ाई में अन्य सामान्य बच्चों से पिछड़ जाते हैं वहीं 231 विशेष बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें प्रतिदिन स्कूल ले जाना दुष्कर कार्य है। इन बच्चों को सर्वशिक्षा अभियान के तहत घर में ही पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।