हिमाचल में टैक्स चोरी का बड़ा मामला, व्यापारी को 27.40 करोड़ रुपए का टैक्स लगाया

Friday, Nov 09, 2018 - 11:03 PM (IST)

सोलन (नरेश): राज्य कर एवं आबकारी विभाग की शिमला टैक्स यूनिट ने कर चोरी के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ऊना के एक कारों के व्यापारी को 27.40 करोड़ रुपए का टैक्स लगाया है जबकि जुर्माना लगना बाकी है। आरोप है कि व्यापारी ने विभाग को 144 करोड़ रुपए की बिक्री की टर्नओवर का हिसाब ही नहीं दिया है, जिसके चलते विभाग ने यह बड़ी कार्रवाई की है। विभाग की 6 टीमों ने कुछ समय पहले इस व्यापारी के व्यापारिक ठिकानों पर छापेमारी की थी।

बिक्री का बहुत बड़ा हिस्सा विभाग से छुपा रहा था व्यापारी
टैक्स ऑडिट यूनिट को सूचना मिली कि कार का एक बहुत बड़ा व्यापारी पिछले कुछ वर्षों से अपनी बिक्री का बहुत बड़ा हिस्सा विभाग से छुपा रहा है और इस पर कर की अदायगी नहीं कर रहा है। विभाग की टीम ने कर चोरी के इस मामले की तुरंत जांच शुरू कर दी। दस्तावेजों की पड़ताल करने पर पता चला कि उनकी कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां में एक कंपनी पंजीकृत है। इस कंपनी की अन्य जिलों में भी कई शाखाएं थीं। जांच में यह भी सामने आया कि कर चोरी केवल एक कंपनी में ही नहीं बल्कि उनकी 2 अन्य कंपनियों में भी की जा रही थी। ये दोनों कंपनियां ऊना जिला में पंजीकृत हैं। इनमें एक कंपनी कारों की बिक्री करती है जबकि दूसरी कंपनी में सरसों तेल का उत्पादन किया जाता है।

144 करोड़ रुपए के टर्नओवर का कोई हिसाब ही नहीं
विभाग की जांच में सामने आया कि इन तीनों कंपनियों की बिक्री का 144 करोड़ रुपए के टर्नओवर का कोई हिसाब ही नहीं दिया गया है। उस पर किसी प्रकार का वैट भी अदा नहीं किया गया है। प्रारंभिक जांच में विभाग को लगा कि शायद व्यापारी ने अपनी बिक्री को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया होगा ताकि बैंकों से उसे ऋण की सुविधा मिल सके। जांच में सामने आया कि व्यापारी ने पिछले 3-4 वर्षों में अपने एवं परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर करोड़ों रुपए की परिसंपत्तियां बना दी हैं जबकि दूसरी ओर करोड़ों रुपए के टैक्स का भुगतान नहीं किया जा रहा है।

टैक्स जमा करने के लिए दिया एक महीने का समय
टैक्स ऑडिट यूनिट ने व्यापारी को 27.40 करोड़ रुपए के टैक्स को जमा करने के लिए एक महीने का समय दिया है। टैक्स ऑडिट यूनिट में दक्षिणी प्रवर्तन क्षेत्र के अधिकारी विनय कुमार, नित्या नंद शर्मा, शशिकांत शर्मा, रीमा सूद, भूपिंदर सिंह, रुपिंदर सिंह, विनीत शर्मा, ध्यान सिंह, मनोज सचदेवा, सुरजीत सिंह, करनैल सिंह, किरण शर्मा, ईश्वर सिंह, बिंदू बख्शी, चतर सिंह और तरसेम शर्मा के अलावा राजस्व जिला बद्दी के अमरनाथ गौतम, अजय, दीप चंद और राजेश शामिल थे।

अचल संपत्ति की न हो बिक्री
आबकारी एवं कराधान विभाग ने संबंधित तहसीलदारों से आग्रह किया है कि व्यापारी की अचल संपत्ति की तब तक बिक्री न होने दें, जब तक सरकारी पैसे का पूरा भुगतान न हो जाए। विभाग की जांच में यह भी सामने आया कि कारों के इस व्यापारी ने एक वर्ष में 90 करोड़ रुपए का टर्नओवर किया था।

Vijay