आजादी के 70 वर्ष बाद भी सड़क को तरसा तलासी गांव, बच्चे जंगल से होकर स्कूल जाने को मजबूर

punjabkesari.in Monday, Sep 17, 2018 - 04:24 PM (IST)

हमीरपुर : पूरे प्रदेश में सड़कों का घनत्व सबसे ज्यादा हमीरपुर जिला में है लेकिन वहीं अगर बात धनेड़ पंचायत के तलासी गांव की करें तो यहां के लोग आज भी पिछड़ा जीवन जीने के लिए मजबूर हैं। गांव को आजादी के 70 दशक के बाद भी सड़क सुविधा मुहैया नहीं हो पाई है, ऐसे में 80 से 90 परिवार के इस गांव में 600 के करीब लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के बिना ही जीवनयापन कर रहे हैं। गांव के लोगों को राशन पानी खरीदने के लिए भी 4 कि.मी. दूर धनेड़ बाजार में जाना पड़ता है, वहीं गांव के लोगों की मानें तो प्रदेश के सबसे शिक्षित जिले में रहते हुए भी सबसे पिछड़ी जगह जैसा जीवन जीना पड़ रहा है।

3 महीने बंद रहता है गांव
वहीं वहीं बरसात के समय तलासी गांव खड्ड में पानी आने के कारण 2 या 3 महीनों के लिए जिला से संपर्क कट जाता है। ऐसे में गांव वालों को पहले से ही राशन पानी इकट्ठा करके  रखना पड़ता है या फिर बरसात के समय में जान को दांव पर लगाकर पास के बाजार में जाकर सामान खरीदना पड़ता है।

राशन के लिए 5 कोस दूर है बाजार
अगर लोगों के राशन पानी की बात करें तो गांव में केवल एक चक्की है व साथ ही में एक छोटी सी दुकान लेकिन दुकानों से लोगों की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती। ऐसे में गांववासियों को 5 कोस धनेड़ बाजार में जाकर ही मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति करनी पड़ती है।

जंगल से होकर बच्चों को जाना पड़ता है स्कूल
ऐसे में गांव के बच्चों के लिए सबसे नजदीकी प्राथमिक स्कूल धनेड़ पंचायत में ही पड़ता है जोकि गांव से करीब 5 कि.मी. की दूरी पर है। ऐसे में सड़क न होने के कारण इन बच्चों के लिए कोई बस सुविधा भी नहीं है जिसके अभाव में बच्चों को पैदल ही सारा रास्ता तय करना पड़ता है। बरसात के समय खड्ड में पानी भर जाने से उस खड्ड को खुद ही पार करना पड़ता है या फिर छुट्टी करनी पड़ती है।


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kirti

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