वीरभद्र ने साधा निशाना, बोले-बूढ़े सुखराम खो चुके हैं याददाश्त

Sunday, Oct 22, 2017 - 12:42 AM (IST)

धर्मशाला: नि:संदेह कांग्रेस सरकार रिपीट होगी। चुनाव के बाद फिर से कांग्रेस सरकार सत्ता में आएगी। उक्त शब्द वीरभद्र सिंह ने धर्मशाला में पहुंचने पर कहे। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अर्की सीट से चुनाव लड़ेंगे न कि ठियोग से। पंडित सुखराम द्वारा लगाए गए आरोपों पर उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम बूढ़े हो गए हैं व मैमोरी खो चुके हैं। पैसे का उनका यह मामला कई दशकों से चल रहा है। उन्होंने आरोपों को नकारते हुए कहा कि कांग्रेस के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। 

इसलिए चुना अर्की विधानसभा क्षेत्र
इसके उपरांत दाड़ी में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार उन्होंने शिमला ग्रामीण सीट को छोड़कर अर्की विधानसभा क्षेत्र से नामांकन भरा है। उन्होंने कहा कि कई लोग उनसे पूछ रहे थे कि मेरे पास कई विकल्प थे, उसके बावजूद मैंने अर्की विधानसभा सीट को क्यों चुना। मैंने अर्की को इसलिए नहीं चुना कि वह चुनाव लडऩे के लिए सबसे आसान हलका है बल्कि इसलिए चुना है क्योंकि पिछले 3-4 चुनावों में कांग्रेस उस सीट को हारती हुई आ रही थी। इसके लिए मैंने अर्की से लडऩे की घोषणा की तथा मैं अर्की सीट से कांग्रेस को फिर से वापस लाऊंगा। उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान लोग आसान से आसान सीट से लडऩे की सोचते हैं लेकिन मैंने सबसे सख्त जगह चुनी है ताकि वहां के लोगों को अपने साथ मिलाया जा सके।

अर्की के लोग प्रबुद्ध और समझदार 
उन्होंने कहा कि अर्की के लोग प्रबुद्ध और समझदार हैं। हर दिशा में आगे हैं पर राजनीति के क्षेत्र में खूब लड़ते हैं। इसलिए उन्होंने अर्की विधानसभा को चुनौती समझते हुए उस विधानसभा क्षेत्र से नामांकन भरा है। उन्होंने आग्रह किया है कि जिनको टिकट मिली है, वह सामूहिक रूप से कांग्रेस पार्टी के सिपाही के रूप में कार्य करेंगे और कांग्रेस पार्टी के नियमों को मानते हुए उसके आदर्शों  और कांग्रेस की प्रतिष्ठित गरिमा को बनाए रखने के लिए चुनाव लड़़ेंगे। 

खलल मचाने वालों से बचें
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की स्थिति बहुत मजबूत है। कई बार पार्टी में खलल मच जाता है, वह खलल कई बार भाजपा बाले नहीं मचाते हैं बल्कि अपने ही लोग मचाते हैं। उन लोगों को संभल कर रहना चाहिए। हर चीज शांति व अनुशासन के साथ होती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ऐसे लोगों को मन के घोड़े दौड़ाने से कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि मन के घोड़े दौड़ाने से कोई मुख्यमंत्री नहीं बनता है।