तपोवन में अवैध खनन और सिंचाई व्यवस्था पर मांगूंगा जवाब: पठानिया

Saturday, Dec 08, 2018 - 10:34 AM (IST)

धर्मशाला (सौरभ): भाजपा के फायर ब्रांड नेता और नूरपुर विधानसभा हलके के विधायक राकेश पठानिया जनहित के मसलों पर तपोवन विधानसभा सत्र में अपनी ही सरकार को घेरने जा रहे हैं। खासकर नदी-नालों के किनारे हो रहे अवैध खनन और बदहाल परिवहन व्यवस्था पर उनके तेवर तल्ख हैं। पंजाब केसरी से विशेष बातचीत में पठानिया ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में अवैध खनन रोके नहीं रुक रहा है। विस सत्र में इसे लेकर उन्होंने सवाल भेजा है कि अवैध खनन रोकने के लिए राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए आदेशों को सरकार आज तक लागू क्यों नहीं करवा सकी है।

नूरपुर हलके में 100 बसें जंग खा रही

विधायक पठानिया ने कहा कि नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के तहत मिलीं लगभग 2,000 नीली बसें परिवहन निगम के विभिन्न डिपुओं में बीते 1 साल से बेकार खड़ी हैं। उनके नूरपुर हलके में ऐसी 100 बसें जंग खा रही हैं। वह तपोवन में सरकार से जवाब मांगेंगे कि आखिर इन बसों को चलाने में देरी क्यों की जा रही है। इन बसों के रखरखाव पर हर माह कितना धन ख़र्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीमांत इलाकों में बढ़ती नशा तस्करी के मुद्दे को भी वह शीतकालीन सत्र में उठाने जा रहे हैं, साथ ही निचले हिमाचल के किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा न मिलने को लेकर भी वह सरकार से जवाब मांगेंगे। 

मनरेगा योजना में हर पंचायत को 10-10 करोड़ रुपए दिए गए

राकेश पठानिया ने कहा कि बीते 40 साल में प्रदेश में सिंचाई योजनाओं पर करीब 38,000 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन निचले इलाकों के किसानों को आज तक पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं हुई है, जिस कारण 80 प्रतिशत किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर रहने के लिए मजबूर हैं। इसके अलावा मनरेगा योजना में हर पंचायत को 10-10 करोड़ रुपए दिए गए लेकिन धरातल पर विकास कार्य नहीं दिखते। इन सब मुद्दों पर वह अपनी सरकार से विस सत्र के दौरान जवाब मांगेंगे।

मैं भी एक तरह से सी.एम. ही हूं

सरकार में अभी तक ओहदा न मिलने को लेकर पूछे जाने पर पठानिया ने कहा कि वह पद के लिए नहीं, जनता की सेवा के लिए राजनीति में हैं। सरकार से कोई नाराजगी नहीं है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उनकी अच्छी ट्यूनिंग है। वह और जयराम ठाकुर एक ही समय विधायक बने थे और तब से अच्छे दोस्त हैं। जयराम सरकार में वह भी एक तरह से मुख्यमंत्री ही हैं क्योंकि जयराम उनकी हर बात मानते हैं।

Ekta