1259 प्रोजैक्टों पर FCA ने लगाई Break

Wednesday, Dec 21, 2016 - 08:53 PM (IST)

तपोवन (विपिन): मौजूदा समय में प्रदेश में 1259 प्रोजैक्ट फोरैस्ट कंजरवेशन एक्ट (एफ.सी.ए.) के तहत लंबित पड़े हुए हैं। वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अंतर्गत प्रयोक्ता एजैंसी से वन भूमि के प्रत्यार्पण के मामले निर्धारित प्रक्रिया अनुसार पूर्ण रूप से प्राप्त होने के बाद ऐसे मामलों को प्रदेश सरकार वन मंत्रालय भारत सरकार स्वीकृति के लिए भेजती है। उसके पश्चात ही प्रदेश सरकार ऐसे मामलों में स्वीकृति देती है। यह बात विधानसभा सत्र के दौरान वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने चिंतपूर्णी के विधायक कुलदीप कुमार द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न के जवाब में दी। उन्होंने बताया कि एफ.सी.ए. के कई मामलों में इस कारण स्वीकृति नहीं मिलती क्योंकि यूजर एजैंसियां एवं आवेदक आवेदन ही उचित ढंग से नहीं करते। इस पर कुलदीप कुमार ने कहा कि एफ.सी.ए. क्लीयरैंस न मिलने के कारण विकास कार्य रुक जाते हैं, जिसका उचित समाधान होना चाहिए। 

हर माह होती है समीक्षा बैठक
वन मंत्री ने कहा कि हर वन मंडल स्तर की बैठक हर माह 5 तारीख को अरण्यपाल की अध्यक्षता में होती है, जिसमें एफ.सी.ए. के मामलों पर चर्चा होती है। इस बैठक में यूजर एजैंसी के प्रतिनिधि भाग ले सकते हैं और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि उनके आवेदन में कहां, क्या कमी रह गई है क्योंकि प्रदेश के अधिकतर एफ.सी.ए. क्लीयरैंस में मामले यूजर एजैंसी के पास ही लंबित हैं। प्रदेश सरकार अपने स्तर पर जांच करके स्वीकृति के लिए केस वन मंत्रालय को भेजती है, वहीं से स्वीकृति आने के बाद प्रदेश सरकार केस को स्वीकृति देती है। सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए सही ढंग से आवेदन किया गया हो तो क्लीयरैंस में अधिक समय नहीं लगता। इसके बावजूद विभाग की कोई गलती होती हो तो वह स्वयं इसकी जांच करेंगे।