Watch Video: विधानसभा में विपक्ष का हंगामा, भाजपा के 3 विधायक निलंबित

Thursday, Dec 22, 2016 - 12:40 PM (IST)

तपोवन (धर्मशाला)(जिनेश): शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विपक्ष द्वारा सदन में किए हंगामे, शोर-शराबे व विधानसभा अध्यक्ष के आसन तक पहुंचकर नारेबाजी, विपक्ष के एक सदस्य द्वारा विधानसभा अध्यक्ष की सीट पर बैठने व हाऊस को अडजर्न करने के चलते भाजपा के 3 सदस्यों को विधानसभा के इस सत्र की आगामी कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया है। संसदीय कार्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री द्वारा नियम 319 के तहत सदन में इस घटनाक्रम पर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव रखा जिस पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा यह कार्यवाही अमल में लाई गई है। भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने, विधायक रणधीर शर्मा व विधायक डा. राजीव बिंदल को विस अध्यक्ष के आसन तक पहुंचकर कार्यवाही में अड़चन डालने के चलते आगामी कार्यवाही के लिए निलंबित करने के लिए मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने प्रस्ताव रखा था, जिस पर यह कार्रवाई अमल में लाई गई है।

प्रश्नकाल शुरू होते ही विधायक ने की यह मांग 
विधानसभा सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई तो प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही भाजपा ने सत्तापक्ष पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इस मामले पर चर्चा की मांग की। विपक्ष का मानना था कि आज जो विधानसभा में बिजनैस लगाया गया है उसमें पक्ष की तरफ से कल के मुद्दों पर चर्चा का प्रस्ताव रखा है। हालांकि विपक्ष का कहना था कि यदि पिछले कल की कार्यवाही खत्म हो गई तो उस दिन के सभी एजैंडे भी नियमानुसार खत्म हो जाते हैं तथा उन नियमों के अनुसार उन पर अगले दिन चर्चा नहीं की जा सकती है। विधायक महिंद्र सिंह ने प्रश्नकाल शुरू होते ही मांग की कि जो नियम 130 के तहत चर्चा रखी है उसको रद्द करके नियम 101 के तहत चर्चा का मौका पक्ष-विपक्ष को देना चाहिए ताकि सभी को चर्चा का मौका मिल सके। 

नियम 130 के फैसले पर अड़ा विपक्ष
विस अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार व असुविधा अलग-अलग मुद्दे हैं तथा नियम 130 के तहत भी इस पर चर्चा हो सकती है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आज के लिए जो बिजनैस लगा है उस पर कार्य शुरू किया जाए। इस पर सदन में शोर-शराबा होने लगा। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना साधना शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने माहौल को शांत करने की कोशिश की और कहा कि प्रश्नकाल को चलने दिया जाए। बाद में बैठ कर वे नियम 130 पर रखी चर्चा के मामले पर बात कर सकते हैं लेकिन विपक्ष इस बात पर अड़ गया कि सदन को स्थगित कर पहले फैसला किया जाए लेकिन विस अध्यक्ष इस बात पर राजी नहीं हुए। इसके बाद विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास आ गए तथा नारेबाजी करने लगे। 

सर्वदलीय बैठक के बाद पैदा हुई अजीब स्थिति
12 बजे प्रश्नकाल जैसे ही खत्म हुआ तो विस अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक उनके चैंबर में बुलाई तथा हाऊस को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। सर्वदलीय बैठक खत्म होने के बाद जैसे ही सदन शुरू हुआ तो उस समय सदन में अजीब स्थिति पैदा हो गई, जब सदन स्थगित होने के बाद फिर से शुरू होने वाला था। विधानसभा अध्यक्ष सदन में आ ही रहे थे कि सदन में पहले से मौजूद भाजपा सदस्य सुरेश भारद्वाज उनकी कुर्सी पर जाकर बैठ गए सदन की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित करने का आदेश सुना गए। ठीक उसी वक्त विस अध्यक्ष भी अपनी सीट के पास पहुंचे तथा सुरेश भारद्वाज उनकी सीट से उठकर अपनी सीट की ओर आने लगे। इसी दौरान विपक्ष के सारे सदस्य सुरेश भारद्वाज के सदन को स्थगित करने के आदेश को सुनते ही सदन से चले गए। 

भारद्वाज की यह हरकत देख सत्तापक्ष हुआ हैरान
सदन में मौजूद सत्तापक्ष के सदस्य सुरेश भारद्वाज की इस हरकत से हैरान रह गए। सदन के नेता वीरभद्र सिंह भी उस वक्त सदन में आ गए थे। वे भी यह देखकर हैरान रह गए। इसके बाद सदन के नेता वीरभद्र सिंह ने इस प्रकरण के दोषी को दंडित करने की मांग की। वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रजातंत्र में विरोध होता है लेकिन इसमें शालीनता होनी चाहिए। विरोध नियमों के मुताबिक होना चाहिए। इस तरह बहक जाना गलत है। उन्होंने इस प्रकरण की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष की मौजूदगी में उनके इशारे पर यह सब हुआ है और यह सरासर सदन का अपमान है। ऐसा दृश्य न लोकसभा और न ही राज्यसभा में देखा है। विधानसभा में भी इस तरह की कोई घटना नहीं देखी। इस प्रकरण पर दोषी सदस्य को दंडित किया जाना चाहिए ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो।