जैंजहली में SDM कार्यालय पर सीएम से वार्ता विफल, फिर सड़कों पर लोग

Saturday, Feb 17, 2018 - 05:06 PM (IST)

जंजैहली(कौशल):उपमंडलाधिकारी नागरिक जंजैहली की अधिसूचना रद्द होने और थुनाग के पक्ष में अधिसूचना जारी होने को लेकर जंजैहली की जनता और सरकार के बीच में चल रहा गतिरोध 15वें दिन भी जारी रहा। जिस में हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए गत दिवस सराज संघर्ष समिति और मुख्यमंत्री के बीच बार्ता शिमला में हुई। मगर इस का समाधान नहीं हो सका, शिष्टमंडल ने आज रैली को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री और शिष्टमंडल के बीच हुई बार्ता पूरी तरह विफल हो गई। जिसमें मुख्यमंत्री ने जंजैहली के लोगो के प्रति कोई सहानुभूतिपूर्ण फैसला नही लिया । जिसको लेकर जनता फिर भड़क गई,तथा काले झंडे लेकर एक विशाल रोष रैली निकाली। जिसमें सरकार तथा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की तथा काले झंडे लेकर रोड़ मार्च किया।

हमपर दोष मढ़ना सरासर गलत है
इसी बीच जनता को सम्बोधित करते हुए जगदीश रेडी,नरेंद्र रेडी, जस्सी देवी, महेंद्र ,तथा जयवंती ने कहा कि सरकार अनावयशक रुप से उन पर जनता को भड़काने का आरोप लगा रही है। जबकि स्थिति बिल्कुल इस के बिपरीत है, जनता क्रुद्ध है, और हम ने जनता को संयम और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की अपील की है। इसीलिए हमपर दोष मढ़ना सरासर गलत है, लोग अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए संविधानिक रूप से लड़ाई लड़ रहे हैं। जिसको राजनीतिक रंग देना सरासर अनुचित है। उनका ये भी कहना है कि ठाकुर जय राम एक हिमाचल के मुख्यमंत्री  की तरह अपने विधानसभा का शांति पूर्ण हल निकाले। क्योंकि  सराज को क्षेत्र बाद में बांटना इस समस्या का हल नही है, हमारा किसी भी क्षेत्र से कोई मतभेद नही है, हम अधिकार मांगते हैं, क्योंकि  उपमंडलाधिकारी नागरिक जंजैहली में पिछले डेढ़ वर्ष से चल रहा है।

अगर मांग नही मानी गई तो आंदोलन और तेज होगा
जिसे इस तरह स्थान्तरित करना लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। समिति द्वारा इस के पश्चात वार्ड तथा पंचायत वाइज कमेटी गठित की गई। जिसमें प्रधान सेकेट्री और सदस्य बनाए गए, जिस में मुख्यता रोड, धारजरोल,तुंगाधार,जंजैहली, ढीम कटारु,बूंग रैलचौक, शामिल किए गए,और यह निर्णय लिया गया कि सोमबार 19 फरबरी से लोग जंजैहली में क्रमिक भूख हड़ताल पर उस समय तक बैठेंगे जब तक सरकार उपमंडलाधिकारी नागरिक कार्यलय जंजैहली में यथावत नहीं रखती। अगर फिर भी मांग नही मानी गई तो आंदोलन को और तेज करते हुए आमरण अनशन पर भी बैठा जा सकता है।