4000 शिक्षकों की नौकरी पर लटकी खतरे की तलवार, जानिए कैसे

Friday, Mar 02, 2018 - 02:00 AM (IST)

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत 4000 एस.एम.सी. शिक्षकों के  सेवा विस्तार पर संशय बरक रार है। सरकार ने अभी तक इन शिक्षक ों को सेवा विस्तार नहीं दिया है। ऐसे में स्कूलों में कार्यरत उक्त शिक्षक ों की नौकरी पर संकट बना हुआ है। हालांकि सरकार ने बीते जनवरी माह में इस संबंध में प्रारंभिक व उच्च शिक्षा विभाग से प्रस्ताव मांगा था लेकिन 2 माह बीतने के बाद भी सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं। गौर हो कि विंटर विकेशन स्कूलों में कार्यरत एस.एम.सी. शिक्षकों के सेवाकाल की अवधि समाप्त हो चुकी है और समर विकेशन स्कूलों में कार्यरत एस.एम.सी. शिक्षकों की सेवाकाल अवधि 31 मार्च तक समाप्त हो जाएगी।

400 से अधिक स्कूलों में सेवाएं दे रहे एस.एम.सी. शिक्षक
प्रदेश के 400 से अधिक स्कूलों में एस.एम.सी. शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। इन स्कूलों में 3 से 9 एस.एम.सी. शिक्षक कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा 100 हाई व मिडिल स्कूलों में एस.एम.सी. के तहत सी. एंड वी. और टी.जी.टी. शिक्षक कार्य कर रहे हैं। जिला लाहौल-स्पीति के 20 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, किन्नौर में 15 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, चम्बा के 25 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, सिरमौर व शिमला के 25 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल व मंडी के 10 स्कूल इस दौरान एस.एम.सी. शिक्षकों के सहारे चल रहे हैं। इसके अलावा पांगी व भरमौर में 40 प्राथमिक पाठशालाएं एस.एम.सी. शिक्षक ही चला रहे हैं। ऐसे में यदि सरकार इन्हें सेवा विस्तार नहीं देती है तो स्कूलों में शिक्षकों की कमी होगी।

एस.एम.सी. शिक्षकों के स्थान पर हो नियमित नियुक्ति
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने पीरियड बेस्ड एस.एम.सी. शिक्षकों के स्थान पर नियमित नियुक्ति करने की मांग सरकार से की है। संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान सहित पदाधिकारियों का कहना है कि इन शिक्षकों के स्थान पर शीघ्र ही कमीशन के माध्यम से योग्य अध्यापकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। संघ का कहना है कि इन अध्यापकों को सेवा विस्तार न देना सही होगा। संघ ने मांग की है कि भविष्य में सरकार किसी भी प्रकार की अस्थायी नियुक्ति न करे।