भुंतर निर्भया कांड में पुलिस के हाथ लगा चौंका देने वाला सुराग, पढ़ें पूरी खबर

Saturday, May 27, 2017 - 01:34 AM (IST)

कुल्लू: दिल दहला देने वाले भुंतर के निर्भया कांड में एक सी.सी.टी.वी. फुटेज पुलिस के हाथ लगी है। फुटेज में दरिंदों के चेहरे साफ नजर नहीं आ रहे हैं। इस फुटेज को पुलिस ने एक निजी लैब में भेजा है। लैब में फुटेज में दिख रहे लोगों के चेहरों को पहचानने का प्रयास हो रहा है। पुलिस के अनुसार इस फुटेज में 2 दरिंदों के साथ लड़की को भी देखा जा रहा है। लैब से रिपोर्ट आने के बाद दरिंदों के चेहरे सामने आ सकेंगे। पुलिस ने मौका-ए-वारदात से जुटाए गए साक्ष्यों सहित बायोलॉजिकल एविडैंस को भी फोरैंसिक साइंस लैब भेज दिया है। रिपोर्ट आने में अभी 2 सप्ताह का समय लग सकता है। वारदात में संलिप्त लोगों के गिरेबान तक पहुंचने के लिए पुलिस को इससे मदद मिलेगी।

वारदात की तह तक जाने को विशेष जांच टीम गठित
वारदात की तह तक पहुंचने के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है, जिसका नेतृत्व ए.एस.पी. निश्चिंत सिंह नेगी कर रहे हैं। कुल्लू सदर थाना के प्रभारी अनिल ठाकुर और भुंतर के थाना प्रभारी सहित इस टीम में आधा दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी हैं। 29 अप्रैल को हुई इस वारदात के बाद अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं। इस सनसनीखेज वारदात ने लोगों को हिला कर रख दिया है। कुल्लू में लोग भी पुलिस की नाकामियों के चलते बहू-बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो उठे हैं। लोगों के बढ़ते दबाव के चलते ही पुलिस ने विशेष जांच टीम गठित कर छानबीन शुरू की है। पुलिस का कहना है कि फुटेज, अन्य साक्ष्यों और बायोलॉजिकल एविडैंस की रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकेगा। पुलिस को उम्मीद है कि फुटेज में शामिल चेहरों को पहचाना जा सकेगा तो मामले का पटाक्षेप संभव है।

लोगों के दबाव ने हिलाई पुलिस
इस सनसनीखेज वारदात में विभिन्न संस्थाओं, महिला मंडलों और लोगों के दबाव ने पुलिस को हिला कर रख दिया है। इतनी बड़ी वारदात में पुलिस की कमियों को लोग मुख्य वजह मान रहे हैं। हिमाचल बचाओ-किसान बचाओ अभियान समिति के देशराज शर्मा ने कहा कि जिस रात लड़की के परिजनों ने लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी यदि पुलिस उस रिपोर्ट पर ही त्वरित कार्रवाई करती तो बच्ची की जान बच सकती थी। वारदात में पुलिस ने लड़की के ही रिश्तेदारों सहित अन्य कुछ लोगों से भी थाना तलब कर पूछताछ की है लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा। 

क्या है बायोलॉजिकल एविडैंस
दुष्कर्म व मर्डर सहित अन्य कुछ संगीन वारदातों में पुलिस इस तरह के साक्ष्य जुटाती है, जिन्हें बायोलॉजिकल एविडैंस कहते हैं। मृतक के शरीर से चिकित्सक कुछ तरल पदार्थ सहित अन्य चीजों के सैंपल लेते हैं। इन सैंपलों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाता है।      

फुटेज को स्वयं भी देख रही टीम
लैब भेजी गई फुटेज को लैपटॉप पर स्वयं विशेष जांच टीम भी खंगाल रही है। कुछ लोगों को भी यह फुटेज पुलिस ने दिखाई है लेकिन चेहरे साफ न होने के कारण पुलिस लकीर पीटने के सिवा कुछ नहीं कर पा रही है। पुलिस को लैब से आने वाली रिपोर्ट से उम्मीद है।