हिमाचल पुलिस का हैरतअंगेज कारनामा, अधिवक्ता की स्कूटी को बना डाला कार

Sunday, Jul 30, 2017 - 06:23 PM (IST)

घुमारवीं/अर्की: कोटखाई गुडिय़ा प्रकरण तथा सेना से रिश्वत लेने के मामले में फजीहत करवा चुकी हिमाचल पुलिस ने एक और हैरतअंगेज कारनामा कर डाला है। यह किसी निर्दोष महिला को परेशान करने का काम प्रदेश के जिला सोलन के तहत आने वाले पुलिस थाना अर्की की पुलिस द्वारा किया गया है। अर्की पुलिस ने वाहन ( एच.पी.23सी- 6466) का फर्जी चालान कर दिया। पुलिस चालान में अभियोग लगाया गया कि पुलिस के इशारा करने पर वाहन को चालक द्वारा रोका नहीं गया। यह चालान अर्की के देहरा डंगा नामक स्थान पर किया गया। पुलिस द्वारा किए गए चालान पर वाहन की किस्म कार लिखी गई है। पुलिस ने वाहन संख्या के आधार पर वाहन के मालिक का ऑनलाइन पता करके चालान अदालत में पेश कर दिया।

चालान में दर्ज किया कार, निकली स्कूटी
यहां हैरान कर देने वाली बात यह है कि वाहन कार नहीं अपितु एक स्कूटी है। इस स्कूटी की मालिक जिला बिलासपुर के शहर घुमारवीं की रहने वाली अधिवक्ता दीप्ति शर्मा है। उसे चालान के बारे में उस दिन पता चला जब घुमारवीं पुलिस का कांस्टेबल जमानती वारंट लेकर उसे तलाश करता हुआ उसके घर आ गया। वारंट तथा पुलिस चालान को देखकर अधिवक्ता परेशान हो गई। उसे 29 जुलाई को अर्की स्थित अदालत में पेश होने के लिए वारंट जारी हुआ था। वह बीते कल अर्की स्थित अदालत में पेश हुई तथा अदालत से आग्रह किया कि जिस वाहन का चालान पुलिस द्वारा किया गया है वह वाहन एक स्कूटी है जबकि चालान के ऊपर वाहन की किस्म कार अंकित है। उसने बताया कि वह कभी भी अपना वाहन लेकर अर्की नहीं गई। वहीं अदालत ने चालान करने वाले हैड कांस्टेबल को अदालत में पेश होने के लिए कहा लेकिन क्षेत्र से बाहर होने के चलते वह अदालत में पेश नहीं हो सका। चालान के ऊपर चालान काटने वाले का नाम हैड कांस्टेबल पोरमेश कुमार नंबर 164 अंकित है तथा इस चालान पर हैड कांस्टेबल सुरेश नंबर 153 द्वारा गवाही डाली गई है।

अधिवक्ता उच्च न्यायालय में दायर करेगी याचिका 
पुलिस द्वारा काटे गए चालान से महिला अधिवक्ता को कितनी परेशानी उठानी पड़ी, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। इस प्रकार की कार्यप्रणाली से पुलिस के काम पर अंगुली उठना स्वाभाविक है। महिला अधिवक्ता ने बताया कि इस गलत तरीके से काटे गए चालान से जो मानसिक व अर्थिक परेशानी उसे उठानी पड़ी इसे लेकर वह प्रदेश के उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगी ताकि भविष्य में किसी निर्दोष व्यक्ति के साथ इस प्रकार की घटना न घटे। उसने कहा कि इससे प्रतीत होता है कि लोगों के साथा क्या-क्या अन्याय होते होंगे। इस कारनामे से पुलिस कार्यप्रणाली खुद ब खुद कटघरे में खड़ी हो गई है।

क्या कहते हैं एस.पी. सोलन
एस.पी. सोलन मोहित चावला ने कहा कि यह मामला एकदम अलग और नया है। इस मामले की छानबीन पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी से करवाएंगे। उसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिला पुलिस ने सहायता व्हाट्सएप के नाम से शुरू की है। कोई भी व्यक्ति इस नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। शिकायत का निपटारा अविलंब किया जाता है। यह नंबर 24 घंटे काम करता है।