फूलों की खेती से 'महका' सुरेंद्र का जीवन, सालाना 3.50 लाख तक की आय कर रहा अर्जित

Monday, Oct 15, 2018 - 02:24 PM (IST)

मंडी : वर्तमान समय में फूलों की खेती एक बेहतर व्यवसाय के रूप में उभर कर सामने आई है। प्रदेश में उगाए जाने वाले फूलों की मांग देश व अन्य राज्यों में भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। वैसे तो फूलों की मांग सालभर बनी रहती है लेकिन त्यौहारों व शादी-विवाह के दिनों में इनकी अधिक मांग रहती है। मंडी जिला में भी अनेक किसान फूलों की खेती कर अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।

आज जहां उच्च शिक्षा प्राप्त युवा सरकारी नौकरी को प्राथमिकता देते हैं, वहीं सुंदरनगर तहसील के तहत आने वाले गांव मंगलाह के 39 वर्षीय सुरेंद्र कुमार पुत्र भागीरथ ने इतिहास विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के बाद खेती को ही व्यवसाय के रूप में अपनाया। आरंभ में उसने अपनी पैतृक जमीन पर पारंपरिक खेती के साथ कुछ सब्जियों की खेती करना आरंभ किया, जिससे उसकी आय आरंभ हो गई। सुरेंद्र कुमार ने बताया कि पारंपरिक व सब्जियों की खेती करते-करते लगभग 5-6 वर्ष पूर्व मन में फूलों की खेती करने का विचार आया तो फूलों की खेती से संबंधित जानकारियां एकत्रित करनी आरंभ कीं।

इसके उपरांत 500 वर्ग मीटर क्षेत्र में पॉलीहाऊस लगाकर फूलों की खेती शुरू की। फूलों की पौधारोपण सामग्री के लिए उद्यान विभाग से उत्तर पूर्वी एवं हिमालयी राज्य बागवानी अभियान के तहत विभाग से 62 हजार 500 रुपए की राशि अनुदान के रूप में प्राप्त हुई, जिससे पुष्प उत्पादन आरंभ कर दिया। जितना भी फूलों का उत्पादन होता है वह सब मंडी, सुंदरनगर, कुल्लू तथा शिमला में ही बिक जाता है, जिसमें उन्हें प्रति वर्ष लगभग 3.50 लाख सालाना आय हो रही है।

kirti