सुक्खू ने साधा निशाना, कहा-वीरभद्र-मनकोटिया की जंग 2 बुजुर्गों की लड़ाई

Saturday, Jul 15, 2017 - 10:28 PM (IST)

शिमला: कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मंत्री मेजर विजय सिंह मनकोटिया के बीच चल रही जुबानी जंग को 2 बुजुर्गों की लड़ाई करार दिया है। पार्टी अध्यक्ष ने शनिवार को एक सवाल के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री और मेजर मनकोटिया के बीच जो लड़ाई चल रही है, वह दो बुजुर्गों की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि पार्टी व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि विचारधारा से चलती है। एक अन्य सवाल पर उन्होंने सरकार विरोधी बयानों पर मेजर मनकोटिया के खिलाफ  किसी भी तरह की कार्रवाई किए जाने पर कुछ नहीं कहा, ऐसे में सत्ता और संगठन के बीच तालमेल की कमी साफ नजर आ रही है। 

समय आने पर होगा बागियों की वापसी पर निर्णय
एक अन्य सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष से जब पूछा गया कि संगठन में बागियों की वापसी कब तक होगी तो इस पर उन्होंने कहा कि अभी तो साढ़े 4 वर्ष ही हुए हैं। उन्होंने कहा कि समय आने पर इस बारे उचित निर्णय ले लिया जाएगा। वर्तमान में हिमाचल कांग्रेस के करीब 33 नेता और पदाधिकारी संगठन से निलंबित चल रहे हैं। इनमें 4 पूर्व विधायक देहरा से योगराज, घुमारवीं से कश्मीर सिंह, आनी से ईश्वर दास और करसोग से मस्त राम भी शामिल हैं। पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके धर्मवीर धामी भी संगठन से बाहर चल रहे हैं। इसके साथ ही युवा नेता यदुपति भी निष्कासन की मार झेल रहे हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस अनुशासन समिति बागियों की वापसी को लेकर अपनी सिफारिश कर चुकी है। 

संगठन के नेता आमने-सामने
मेजर मनकोटिया मामले में कांग्रेस नेता आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस का एक धड़ा जहां मेजर पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने से कतरा रहा है, वहीं एक धड़े ने मनकोटिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी कड़ी में पार्टी उपाध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर, महासचिव रामलाल ठाकुर, कुलदीप सिंह पठानिया व प्रवक्ता केवल सिंह पठानिया ने कहा कि मेजर की टिप्पणियों से ऐसा लगता है कि उनका मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है। कांग्र्रेस नेताओं ने मनकोटिया को यह भी सलाह दी है कि उन्हें किसी अच्छे डाक्टर से अपनी दिमागी जांच समय पर करवा लेनी चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अपमान करने का मेजर मनकोटिया को कोई अधिकार नहीं है। उक्त पार्टी नेताओं ने कहा कि 4 साल तक सत्ता का सुख भोगने के बाद एकाएक मुख्यमंत्री के खिलाफउनकी टिप्पणियां पार्टी के अनुशासनहीनता के दायरे में आती हैं।