सुखराम का वीरभद्र पर पलटवार, कहा-जिनके घर शीशे के हों वे दूसरों के घर पत्थर नहीं फैंकते

Tuesday, Oct 31, 2017 - 05:02 PM (IST)

मंडी: जिनके घर शीशे के होते हैं, उन्हें दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फैं कने चाहिए। यह बात पंडित सुखराम ने वीरभद्र की ओर से की गई टिप्पणी के बाद कही। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह को ऐसी शब्दावली शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा कि उनके बेटे अनिल को हराने के लिए वीरभद्र ने पूरा इंतजाम कर रखा था। वीरभद्र सिंह अंतिम सांस तक खुद मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं और उसके बाद पत्नी और बेटे को इस पद पर बैठना चाहते हैं जिसके लिए वे पार्टी हाईकमान को ब्लैकमेल कर रहे हैं। वे हिमाचल को अपनी जागीर समझते हैं जिसका जवाब जनता देने वाली है। 

धर्म और जाति की राजनीति करते हैं वीरभद्र
उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अपनों से गद्दारी करके वीरभद्र सिंह यहां तक पहुंचे हैं। वीरभद्र स्वयं धर्म और जाति की राजनीति करते हैं और जब हार जाते हैं तो पत्नी की हार का ठीकरा भी मेरे सिर ब्राह्मणवाद की बात कह कर फोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि इसी फूट डालो और राज करो की नीति से वे तंग आ गए और भाजपा में शामिल हो गए, जहां उन्हें पूरा मान-सम्मान मिल रहा है।

मैंने बनाया कौल सिंह को विधायक
बता दें कि भाजपा में शामिल होने के बाद अब मंडी सदर से बाहर निकल कर सुखराम द्रंग और बल्ह में जनसभाएं कर रहे हैं। द्रंग के नगवाईं में उन्होंने अपने निशाने पर स्थानीय कांग्रेसी नेता कौल सिंह ठाकुर को लेते हुए कहा कि इनको सबसे पहले विधायक बनाने वाला मैं ही था क्योंकि इनके पिता के मुझ पर कुछ एहसान थे जो मैंने चुकता कर दिए, अब मेरे बेटे पर मलाई खाने के इनके आरोपों से साफ होता है कि कांग्रेस में रहते खूब मलाई इनको मिलती रही जो मेरे बेटे को रास नहीं आई और कांग्रेस छोड़ दी क्योंकि अनिल ईमानदार हैं।