टाहलीवाल में कोचिंग सैंटर पर विद्यार्थियों ने लगाए धोखाधड़ी के आरोप

Saturday, Feb 20, 2021 - 11:52 PM (IST)

टाहलीवाल (गौतम): टाहलीवाल बाजार में चल रहे एक कोचिंग सैंटर पर कोचिंग लेने वाले बच्चों ने धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। शनिवार को हरोली क्षेत्र के विभिन्न गांवों के कोचिंग ले रहे बच्चे अपने गांव के पंचायत प्रतिनिधियों व जिला परिषद सदस्य कमल सैनी के साथ टाहलीवाल कोचिंग सैंटर पहुंचे। प्रदेश सरकार द्वारा दिए जा रहे कौशल विकास भत्ते के आधार पर इस कोचिंग सैंटर को चलाया जा रहा है। सरकार द्वारा कौशल विकास भत्ता 1,000 रुपए प्रतिमाह दिया जाता है लेकिन सरकार द्वारा यह तय नहीं किया गया है कि कोचिंग सैंटर की मासिक फीस कितनी होगी।

सैंटर में कोचिंग ले रहे बच्चों ने बताया कि सैंटर के मालिक ने दस्तावेज प्रक्रिया बताकर उनसे खाली चैकों पर उनके साइन करवाकर रख लिए थे और उनसे उनकी पासबुकें भी ले ली थीं और जो भी भत्ता सरकार की तरफ से आ रहा था, उसे सैंटर का मालिक खुद ही निकाल लेता था। जब कोचिंग ले रहे बच्चों ने उनसे इस बारे में बात की तो वह काफी दिन टालमटोल करता रहा। बच्चों ने बताया कि उन्हें तो आज तक यह भी मालूम नहीं है कि वे कोचिंग किस विषय की ले रहे हैं और जब

बच्चों ने सैंटर के मालिक से अपने डॉक्यूमैंट वापस मांगे तो वह उनके लिए भी मना करने लगा और उन्हें कहने लगा कि आप मेरे साथ बदतमीजी कर रहे हो। समाचार लिखे जाने तक इस संबंध में किसी भी विभाग में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई थी। जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मामले को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिला परिषद सदस्य कमल सैनी ने बताया कि दोनों पक्षों का लिखित में समझौता करवाया, जिसमें यह लिखा गया है कि अगर बुधवार तक सैंटर के मालिक बच्चों की फीस वापस नहीं करते हैं तो उन पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वहीं रोजगार अधिकारी अनीता गौतम ने बताया कि मीडिया द्वारा मामला ध्यान में लाया गया है। अभी 2020-21 का कौशल विकास भत्ता किसी भी सैंटर को नहीं भेजा गया है। इस संबंध में अगर कोई शिकायत आती है तो जांच करवाई जाएगी। उधर, कोचिंग सैंटर की इंचार्ज रंजना ने बताया कि बीते लॉकडाऊन के कारण बच्चों को फीस को लेकर कुछ गलतफहमी हो गई है, जिसके लिए बुधवार तक का समय बच्चों को दिया जा रहा है और जो बच्चे कोङ्क्षचग जारी रखना चाहते हैं, उनकी कोचिंग शुरू कर दी जाएगी।    

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Vijay