वनगढ़ जेल की कहानी, फोन और गाड़ी बने परेशानी

Monday, Nov 27, 2017 - 01:21 AM (IST)

ऊना: सब जेल को जिला जेल का दर्जा तो मिला और इसे वनगढ़ शिफ्ट कर दिया गया परन्तु अभी भी इस जेल में सुविधाओं की काफी कमी है। जेल में स्टाफ की काफी कमी है। करीब डेढ़ वर्ष पहले ऊना मुख्यालय से जेल को वनगढ़ में शिफ्ट तो किया गया लेकिन यहां टैलीफोन की सुविधा आज तक भी मुहैया नहीं हो पाई है। यहां स्थित कर्मचारियों को अपने निजी फोन से ही नैट की सेवाएं देनी पड़ रही हैं। लम्बे समय से जेल ऑथारिटी द्वारा विभाग से टैलीफोन स्थापित किए जाने की मांग की जा रही है। बी.एस.एन.एल. से स्थायी कनैक्शन लगाए जाने संबंधी औपचारिकताएं भी पूरी की गई हैं परन्तु अभी तक भी इसे लगाया नहीं गया है। फोन सुविधा न होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना जेल स्टाफ को करना पड़ रहा है। इससे प्रशासनिक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। 

सुरक्षा कर्मियों की कमी से जूझ रही जेल 
जेल में यूं तो कैदियों की संख्या के अनुपात में सुरक्षा कर्मियों की संख्या भी अधिक होनी चाहिए लेकिन यहां स्वीकृत 24 पदों में से 15 भी सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं हैं। कर्मचारियों सहित सुरक्षा कर्मियों से यह जेल जूझ रही है। यहां तैनात कर्मियों के लिए क्वार्टर भी बनकर अभी तक तैयार नहीं हुए हैं। काफी समय से कर्मचारियों को इन क्वार्टर की दरकार है परन्तु यह कब पूरी तरह से तैयार होंगे यह भी कहना मुश्किल है। 

डी.सी. ऑफिस से करवानी पड़ती है वीडियो कान्फ्रैंसिंग
विचाराधीन कैदियों को विभिन्न अदालतों में पेशी के लाने ले जाने की बजाय वीडियो कान्फ्रैंसिंग (वी.सी.) के जरिए पेशी करवाई जा सकती है परन्तु यहां फोन और इंटरनैट सेवाएं न होने की वजह से जेल में यह सुविधा चालू ही नहीं हो पाई है। इसके लिए कैदियों को करीब 15 किलोमीटर दूर ऊना लाना पड़ता है और डी.सी. ऑफिस से ही वी.सी. करवानी पड़ती है। वहीं बी.एस.एन.एल. के डी.ई.टी. आर.के. जसवाल का कहना है कि जिस क्षेत्र में जेल बनाई गई है वहां बी.एस.एन.एल. का कोई नैटवर्क ही नहीं है। जेल विभाग ने कनैक्शन के लिए अप्लाई तो किया है परन्तु लाइन न होने की वजह से दिक्कत आ रही है। इस संबंध में नई लाइन बिछाए जाने बारे विभाग विचार कर रहा है।  जेल अधीक्षक एवं एस.डी.एम. ऊना पृथीपाल सिंह ने कहा कि टैलीफोन कनैक्शन के लिए बी.एस.एन.एल. से बातचीत की जा रही है। दूसरी दिक्कतों को दूर किए जाने बारे भी मामला उठाया गया है। शीघ्र ही समस्याओं का हल कर लिया जाएगा। 

पेशी को कैसे ले जाएं कैदी
वनगढ़ की पहाड़ी पर स्थापित की गई जेल मुख्य मार्ग से काफी दूर है। ऐसे में इस जेल के पास न तो एम्बुलैंस है और न ही सामान्य कोई दूसरा वाहन है। कैदियों के बीमार होने या उन्हें कहीं लाने ले जाने के लिए काफी मुश्किल पेश आती है। इस स्थल के लिए मुश्किल से ही आवागमन का कोई साधन उपलब्ध हो पाता है। जेल शिफ्ट करने से पहले इस तरफ ध्यान तो क्या देना, डेढ़ वर्ष उपरांत भी जेल में सुविधाएं नागण्य हैं। 

142 से अधिक कैदी हैं विचाराधीन 
जिला जेल का दर्जा प्राप्त ऊना के इस सुधार गृह में 168 कैदियों को रखने की क्षमता है। इसमें 8 महिला कैदियों के लिए भी स्थान रखा गया है। इस समय लगभग 142 से अधिक विचाराधीन कैदी रखे गए हैं। मुश्किल यह है कि इतनी तादाद में कैदियों के होने के बावजूद संचार का कोई स्थायी साधन नहीं है। यदि कोई आपात स्थिति में कैदी को मैडीकल सहायता की जरूरत हो तो यहां एम्बुलैंस भी मौजूद नहीं है। साधारणत: कोई वाहन भी नहीं है जिससे आपात स्थिति में किसी को मदद दी जा सके। मुख्य रोड से काफी दूर स्थित वनगढ़ की पहाडिय़ों में पहुंचना ही काफी मुश्किल काम है।