100 मीटर के दायरे में आए स्टोन क्रेशरों पर गिरेगी गाज

Thursday, Mar 14, 2019 - 10:25 AM (IST)

 

कुल्लू (ब्यूरो): नदी-नालों व पुरानी सूखी खड्डों से 100 मीटर के दायरे में आए स्टोन क्रेशरों पर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल 6 अप्रैल को सुनवाई करेगा। हिमाचल प्रदेश में दर्जनों स्टोन क्रेशर एन.जी.टी. के इन आदेशों की जद्द में आए हैं। जिला कुल्लू के ही 13 स्टोन क्रेशर नदी-नालों के बिल्कुल करीब हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व जिला खनन विभाग सहित अन्य संबंधित महकमों द्वारा संयुक्त निरीक्षण के बाद तैयार की गई रिपोर्ट में कुल्लू जिला के 13 स्टोन क्रेशर भी शामिल हैं। रिपोर्ट नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को प्रेषित कर दी गई है। प्रदेश सरकार के हस्तक्षेप के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और इस पर एन.जी.टी. को सुनवाई को कहा गया है। अब 6 अप्रैल को एन.जी.टी. इस पर सुनवाई कर इन स्टोन क्रेशरों का भविष्य तय करेगा। 

रिपोर्ट के पन्नों को टटोलते हुए एन.जी.टी. आगामी आदेश जारी करेगा। इधर, पूरे प्रकरण में स्टोर क्रशर संचालक सहमे हुए हैं। एन.जी.टी. ने आदेश जारी करते हुए उन स्टोन क्रेशरों की सूची मांगी थी जो नदी-नालों या सूखी पड़ी खड्डों के करीब हैं। वर्षों से सूखी पड़ी खड्डों को लेकर यह हवाला दिया गया है कि बरसात में कभी भी सूखे नालों में बाढ़ आ सकती है, ऐसे में क्रेशरों में इस्तेमाल होने वाला तेल, ग्रीस व अन्य कैमिकल्स सहित मलबा नालों से होता हुआ नदियों में चला जाएगा, जिससे नदियां दूषित हो जाएंगी।

संयुक्त निरीक्षण में 2 स्टोन क्रेशर ऐसे भी पाए गए जो नदी-नालों के बिल्कुल करीब हैं हालांकि मौजूदा दौर में वे वर्किंग कंडीशन में नहीं हैं। इनके अलावा 13 स्टोन क्रेशर नदी-नालों के बिल्कुल करीब ही चल रहे हैं, कुछ तो ऐसे हैं जिनकी स्थापना के लिए नदियों के रुख तक को मोड़ा गया है, ऐसे में एन.जी.टी. के आगामी आदेशों को लेकर स्टोन क्रेशर संचालकों को डर सता रहा है। अब देखना यह है कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल 6 अप्रैल को इन कुल्लू सहित प्रदेश भर के ऐसे स्टोन क्रेशरों को लेकर क्या रुख अपनाता है।

Ekta