दर्जा जोनल अस्पताल का, पर नहीं मिल रही यह सुविधा

Tuesday, Jun 20, 2017 - 08:16 PM (IST)

चुवाड़ी: आधुनिक चिकित्सा जांच में अल्ट्रासाऊंड एक अहम परीक्षण के रूप में जाना जाता है। हैरानी की बात है कि जिला चम्बा में मात्र 2 स्थानों पर ही अल्ट्रासाऊंड की सुविधा उपलब्ध है जबकि बाकी स्थानों पर खोले गए सामुदायिक या नागरिक अस्पतालों में अल्ट्रासाऊंड की सुविधा न होने के चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में मरीजों को मजबूरन ज्यादा खर्चा करके पठानकोट जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। लोगों के अनुसार जिला चम्बा अपनी जटिल भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर एक पिछड़ी श्रेणी में आता है। बीमार व्यक्ति को अगर 50 से 100 किलोमीटर दूर जाना पड़े तो उस पर आफत आ जाती है। यहां पहाड़ी रास्तों पर सफर करते हुए इस जांच के लिए दूर जाना हो तो यह उसके मर्ज को कई गुना अधिक बढ़ाने वाला साबित हो जाता है।

रेडियोलॉजिस्ट न होने के कारण मरीज हो रहे परेशान
चुवाड़ी, डल्हौजी व तीसा आदि स्थानों पर स्थित अस्पतालों को कुछ वर्ष पूर्व नागरिक अस्पताल का दर्जा तो दे दिया गया था परंतु इन अस्पतालों में लगाई गई अल्ट्रासाऊंड मशीनें रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्तियां न होने के कारण धूल फांक रही हैं। रोजाना इन अस्पतालों में ऐसे मरीज आते हैं जिनको गंभीर बीमारी के मद्देनजर चिकित्सकों को अल्ट्रासाऊंड जांच के लिए रैफर करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। जांच रिपोर्ट आने के उपरांत ही इलाज संभव हो पाता है। कई मरीज ऐसे होते हैं जो गरीबी के कारण सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर रहते हैं और निजी क्लीनिकों में अपनी बीमारी का टैस्ट आदि करवाने में असमर्थ रहते हैं परंतु इन अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध न होने के कारण उन्हें काफी दिक्कतें पेश आती हैं।

क्या कहते हैं लोग
लोगों का कहना है कि सरकार हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के दावे तो करती है परंतु अस्पतालों में जांच की आधी-अधूरी सुविधा देने से हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है, ऐसे में हर नागरिक अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए शीघ्र जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। वहीं सी.एम.ओ. चम्बा डा. विनोद शर्मा ने बताया कि रेडियोलॉजिस्ट के पद खाली होने के चलते अल्ट्रासाऊंड मशीनें बंद पड़ी हंै। इसी कारण लोगों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है।