शुरू होने से पहले फिर विवादों में घिरी JBT भर्ती, अभ्यर्थियों ने जताया रोष

Tuesday, Jul 10, 2018 - 10:32 AM (IST)

मंडी (सकलानी): प्रदेश में अभी जे.बी.टी. भर्ती को लेकर प्रक्रिया शुरू ही हुई कि यह फिर से विवादों में घिर गई है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा भर्ती जिला कैडर होने के बावजूद स्टेट कैडर के तहत की जा रही है। जे.बी.टी. की बैच वाइज भर्ती को लेकर सोमवार को काऊंसलिंग प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन विभाग द्वारा जिला कैडर होते हुए अन्य जिला के अभ्यर्थियों को भी काऊंसलिंग में शामिल किया जा रहा है, जिसके चलते उनकी कार्यप्रणाली पर एक बार फिर से प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं। मंडी में इसमें हिस्सा लेने आए अभ्यर्थियों ने विभाग की कार्यप्रणाली पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि लंबे समय बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन विभाग द्वारा जिला कैडर होते हुए भर्ती में अन्य जिला के अभ्यर्थियों को शामिल करने से आर. एंड पी. को दरकिनार किया जा रहा है। इनका कहना है कि विभाग के इस गलत निर्णय के चलते जे.बी.टी. प्रशिक्षण लेने के बाद भी बेरोजगार बनकर रह गए हैं। यही नहीं, विभाग द्वारा बैच आधार पर की जा रही भर्ती में सभी टैट पास जे.बी.टी. अभ्यर्थियों को बुलाकर उनका समय बर्बाद किया जा रहा है। 


टी.जी.टी. व सी. एंड वी. जिला कैडर तो जे.बी.टी. क्यों नहीं
प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा टी.जी.टी. व सी. एंड वी. शिक्षकों की भर्ती जिला कैडर पर की जाती है और बैच वाइज भर्ती में सिर्फ संबंधित जिला के अभ्यर्थी ही हिस्सा लेते हैं लेकिन जे.बी.टी. भर्ती में नियम होते हुए भी शिक्षा विभाग जबरन स्टेट कैडर बनाने पर तुला हुआ है। 


विरोध जताया 
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने जे.बी.टी. को जिला कैडर होते हुए अन्य जिलों के अभ्यर्थियों को शामिल करने पर विरोध जताया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष जी.एस. बेदी, मंडी के जिलाध्यक्ष प्रेम सिंह ठाकुर व महासचिव रमेश चौहान ने कहा कि जे.बी.टी. शिक्षकों को स्थानीय बोलियों व रीति-रिवाजों की जानकारी होना जरूरी है ताकि वे नौनिहालों को स्थानीय बोली का सहारा लेकर बेहतर ढंग से शिक्षण करवा सकें।


माननीय उच्च न्यायालय ने भी जिला कैडर को दी है तरजीह
माननीय प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी वर्ष 1992 व 2017 में जे.बी.टी. भर्ती को जिला कैडर रखने का फरमान सुनाया है, बावजूद इसके शिक्षा विभाग आर. एंड पी. में जिला कैडर होने के बाद भी स्टेट कैडर बनाने पर तुला हुआ है। जे.बी.टी. अभ्यर्थी अब इस दुविधा में हैं कि वे अपने जिला को छोड़कर अन्य जिला में होने वाली काऊंसलिंग में हिस्सा लें या नहीं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जे.बी.टी. शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर मातृभाषा पर फोकस किया गया है ताकि नौनिहालों को बेहतर ढंग से शिक्षा मुहैया करवाई जा सके। 

Ekta